जयपुर : बजट पर सुझाव देने के लिए राजधानी जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में कांग्रेस नेताओं का खुला अधिवेशन बुलाया गया. इस दौरान राजस्थान कांग्रेस का पूरा अमला शामिल हुआ. इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पहुंचे। जिनका एक बयान अब सुर्खियों में आ गया है. अपने संबोधन […]
जयपुर : बजट पर सुझाव देने के लिए राजधानी जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में कांग्रेस नेताओं का खुला अधिवेशन बुलाया गया. इस दौरान राजस्थान कांग्रेस का पूरा अमला शामिल हुआ. इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पहुंचे। जिनका एक बयान अब सुर्खियों में आ गया है.
रंधावा ने इस दौरान कांग्रेस के लिए दुष्प्रचार ना करने की बात कही और आगे कहा, ‘मेरा नाम पंजाब सीएम बनाने की चर्चा में भी शामिल था. लेकिन जब मुझे उप मुख्यमंत्री बनाया गया तो मैंने विरोध नहीं किया। मैंने पार्टी आलाकमान के फैसले को स्वीकार किया. अब उनके इस बयान को लेकर कहा जा रहा है कि प्रभारी रंधावा ने इशारों ही इशारों में पायलट कैंप को निशाना बनाया है.
दूसरी ओर कांग्रेस ने अधिवेशन में बजट से पहले कुछ चुने हुए नेताओं से सुझाव लिए और इस दौरान पीसीसी की ओर से चार प्रस्ताव पारित हुए. संगठन की ओर से सरकार को बजट से संबंधित 16 सुझाव दिए गए हैं. रंधावा ने आगे अपने संबोधन में कहा कि उनकी इच्छा है कि अंतिम छोर में जो कार्यकर्ता बैठा है उसे संगठन और सरकार में सुना जाए. कार्यकर्ता है तो पार्टी है. हाल फिलहाल पार्टी में हुई कई सियासी घटनाओं को देखते हुए रंधावा ने आगे कहा कि पार्टी में अनुशासन होना जरूरी है. आने वाले दिनों में अनुशासन से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.
गौरतलब है कि पायलट को साल 2018 में आलाकमान ने डिप्टी सीएम बनाया था. इसके बाद लगातार पायलट पार्टी और सरकार से नाराज रहे. साल 2020 में उन्होंने बगावत का बिगुल बजा दिया था. इस में कहा जा रहा है कि रंधावा ने पायलट गुट को सीधा संदेश दिया है.
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