चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के ऐलान और आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले अजमेर में आयोजित बीजेपी की रैली में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर डाली. कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं.
जयपुरः चुनाव आयोग ने शनिवार को राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राजस्थान में 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और सभी राज्यों के चुनावी नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले अजमेर में आयोजित बीजेपी की रैली में किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर डाली. आचार संहिता लागू होने के बाद वह ऐसा नहीं कर पातीं. कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
सीएम वसुंधरा राजे ने गौरव यात्रा के समापन के मौके पर रैली में कहा, ‘हमारी सरकार चाहती है कि राजस्थान के किसानों को एक सीमा तक मुफ्त बिजली मिले जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो. मैं इस बात की घोषणा करना चाहती हूं कि ग्रामीण क्षेत्रों के सभी किसानों को (सामान्य श्रेणी के कनेक्शन वाले) एक निर्धारित सीमा तक मुफ्त बिजली देने की योजना की शुक्रवार से शुरुआत कर दी गई है.’
वसुंधरा राजे ने आगे कहा कि बीजेपी नीत राजस्थान सरकार ने बिजली की व्यवस्था को सुधारने में 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए. जहां बिजली नहीं मिला करती थी अब वहां 20 से 22 घंटे तक बिजली मिलती है. बीजेपी सरकार ने किसानों और महिलाओं के लिए कई योजनाएं लागू कीं हैं और आज वह सभी इन जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी भी राजस्थान के दौरे पर थे.
गौरतलब है कि राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को एक ही चरण में चुनाव होंगे. 11 दिसंबर को नतीजों का ऐलान होगा. राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं. यहां सीधे-सीधे बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है. वसुंधरा राजे की सरकार से पूर्व यहां कांग्रेस की सरकार थी और अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री थे. वर्तमान में सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और इस बार विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस की जीत के प्रति आश्वस्त हैं.