राजस्थान, भर्ष्टाचारी और घूसखोरी के मामलों में आने वाला राजस्थान अक्सर ही सुर्ख़ियों में बना रहता है. हाल ही में, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत शिक्षक सम्मान समारोह में पहुंचे थे, जिस दौरान उन्होंने शिक्षकों से पूछा कि ताबदले के लिए क्या रिश्वत देनी पड़ती है. इसपर शिक्षकों के बीच से आवाज़ आती है ‘हाँ’. […]
राजस्थान, भर्ष्टाचारी और घूसखोरी के मामलों में आने वाला राजस्थान अक्सर ही सुर्ख़ियों में बना रहता है. हाल ही में, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत शिक्षक सम्मान समारोह में पहुंचे थे, जिस दौरान उन्होंने शिक्षकों से पूछा कि ताबदले के लिए क्या रिश्वत देनी पड़ती है. इसपर शिक्षकों के बीच से आवाज़ आती है ‘हाँ’. गहलोत दोबारा अपने प्रश्न को दोहराते हैं, लेकिन फिर भी शिक्षक उनके सवाल का हाँ में ही जवाब देते हैं. गहलोत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है, गहलोत ने अपने इस प्रश्न से खुद ही अपनी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज राज्य के शिक्षक सम्मान समारोह में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मंच पर शिक्षकों से रिश्वतखोरी को लेकर सवाल पूछे. गहलोत ने जब शिक्षकों से पुछा कि क्या तबादले के लिए पैसे खिलाने पड़ते हैं, तब शिक्षकों से इस पर हामी भरी. गहलोत ने दोबारा अपने प्रश्न को दोहराया, लेकिन तब भी शिक्षकों ने इसका जवाब हाँ में ही दिया. इसपर गहलोत ने दुख जताते हुए कहा, “यह बहुत ही दुखदायी बात हैं कि टीचर्स पैसे देकर ट्रांसफर करवाने को लालायित रहे, कोई पॉलिसी बन जाए सबको मालूम रहे कि उसका तबादला कब होना है? तब फिर न पैसे चलेंगे न MLA के पास जाना पड़ेगा.”
राज्य के शिक्षक सम्मान समारोह में अशोक गहलोत ने तबादले और रिश्वतखोरी को लेकर प्रश्न पूछकर अपने ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनके इस सवाल से शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा असहज हो गए थे, जिसके चलते डोटासरा ने तुरंत ही मंच पर जाकर अपनी सफाई पेश की. अपनी सफाई पेश कर्त हुए डोटासरा ने कहा कि, “सीएम साहब ने एक बात छेड़ी, मेरे शिक्षा मंत्री रहते मेरे यहां स्टाफ में एक चाय पीने का भी बता देना तो मुझे कह देना. मुख्यमंत्रीजी का इशारा था कि कहीं न कहीं जेब कट जाती है. वह मेरे और मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में ट्रांसफर नीति लागू कर खत्म किया जाएगा.”
शिक्षक समारोह में पूछे गए इस सवाल और जवाब की यह क्लिप सोशल मीडिया पर काफी तेज़ी से वायरल हो रही है. इससे यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस बात को विपक्ष एक बड़ा मुद्दा बना सकता है.