Rajasthan Board Exam Cancelled : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आरबीएसई 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 रद्द कर दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने महामारी को देखते हुए राजस्थान बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने का निर्णय लिया. यह निर्णय सीबीएसई के कक्षा 12 की परीक्षा 2021 को भी रद्द करने के निर्णय का अनुसरण करता है.
जयपुर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आरबीएसई 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 रद्द कर दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने महामारी को देखते हुए राजस्थान बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने का निर्णय लिया. यह निर्णय सीबीएसई के कक्षा 12 की परीक्षा 2021 को भी रद्द करने के निर्णय का पालन करता है.
सीएम गहलोत ने ट्विटर पर साझा किया कि लंबित 10वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय देर रात हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था. जहां तक मूल्यांकन मानदंड का संबंध है, समय आने पर इसे लिया और घोषित किया जाएगा.
राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के साथ मिलकर10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने के निर्णय की घोषणा किया है. हालांकि अनिवार्य नहीं है, सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने के केंद्र के फैसले के बाद अधिकांश राज्यों में 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की उम्मीद है.
मंगलवार, 1 जून, 2021 को सीबीएसई ने उसी दिन निर्णय के बाद वर्ष 2021 के लिए अपनी कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी. सीआईएससीई ने भी अपनी आईएससी 12 वीं की परीक्षा रद्द कर दी. हरियाणा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, एचबीएसई ने 2 जून को वर्ष 2021 के लिए अपनी कक्षा 12 की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया. कई अन्य बोर्डों को अपने संबंधित राज्य में कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षा के आयोजन पर फैसला करना बाकी है. हालांकि, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बोर्ड परीक्षा रद्द करने की याचिका पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी है.
लगभग 21 लाख छात्र होते हैं शामिल
राजस्थान बोर्ड की परीक्षा में करीब 21 लाख छात्र को शामिल होना था. छात्रों के साथ ही उनके अभिभावकों को भी बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता थी और परीक्षाएं रद्द करने की मांग उठ रही थीं. खुद कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने सभी राज्यों से छात्र हित में परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध किया था. विपक्ष द्वारा जहां परीक्षाएं रद्द करने की मांग की जा रही थी तो वहीं कांग्रेस नेता भी परीक्षा रद्द करने के पक्ष में थे. मंत्रिपरिषद् की बैठक में सभी मंत्रियों ने परीक्षा रद्द करने पर अपनी सहमति दी. हालांकि, शिक्षा राज्यमंत्री की ख्वाहिश परीक्षाएं आयोजित करवाने की थी और इसे लेकर तैयारियां भी की जा रही थीं, लेकिन सरकार पर परीक्षाएं रद्द करने का चौतरफा दबाव था.