जयपुर: राजस्थान के झालावाड़ जिले में मकर संक्रांति के त्योहार पर चाइनीज मांझा एक परिवार के लिए काल बन गया. मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझे के कारण एक 12 साल के बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कोटा शहर में चाइनीज मांझे के कारण 50 लोग घायल हो गए, जिनमें […]
जयपुर: राजस्थान के झालावाड़ जिले में मकर संक्रांति के त्योहार पर चाइनीज मांझा एक परिवार के लिए काल बन गया. मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझे के कारण एक 12 साल के बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि कोटा शहर में चाइनीज मांझे के कारण 50 लोग घायल हो गए, जिनमें कई लोगों के गले की हड्डी तक कट गई और इलाज के बाद किसी तरह उनकी जान बच सकी. इसमें पांच व्यक्तिय की हालत गंभीर बताई जा रही है।
झालावाड़ के असनावर थाना क्षेत्र के पुरानी आबादी इलाके में पतंग उड़ा रहे 12 साल के बच्चे के गले में चाइनीज मांझा उलझ गया. इसी दौरान वहां पतंग उड़ा रहे दूसरे बच्चों के खींचने से बच्चे के गले के कुछ हिस्सा बूरी तरह से कट गया. इसके बाद इलाज के लिए बच्चे को तुरंत असनावर के प्राथमिक अस्पताल ले जाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए झालावाड़ रेफर कर दिया. वहीं झालावाड़ में डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
इस संबंध में अस्पताल चौकी प्रभारी महेंद्र मीणा ने बताया कि असनावर के पुरानी आबादी इलाके का रहने वाला 12 साल का बच्चा सुरेंद्र घर के पास ही पतंग उड़ा रहा था. इसी दौरान पतंग की डोर बच्चे के गले में उलझ गई. मांझा फंसने से बच्चे के गले के कुछ हिस्सा कट गया, जिसके बाद परिजन इलाज के लिए बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां दिलीप भील के पुत्र सुरेंद्र को जांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
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