नई दिल्ली. Rajan Rao on COVID Vaccination: दक्षिण हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी राजन राव ने कहा बड़े बड़े दावों के बीच प्रदेश में कोरोना टीकारण की रफ्तार संतोषजनक नहीं है। छोटा प्रदेश होने के बाद भी टीकाकरण की रफ्तार सरकार के दावों से बहुत पीछे है। पूरे प्रदेश में अभी तक कुल 2.17 करोड़ खुराकें […]
नई दिल्ली. Rajan Rao on COVID Vaccination: दक्षिण हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी राजन राव ने कहा बड़े बड़े दावों के बीच प्रदेश में कोरोना टीकारण की रफ्तार संतोषजनक नहीं है। छोटा प्रदेश होने के बाद भी टीकाकरण की रफ्तार सरकार के दावों से बहुत पीछे है। पूरे प्रदेश में अभी तक कुल 2.17 करोड़ खुराकें दी हैं। जिनमें से 1.6 करोड़ पहली खुराक और 57 लाख दूसरी खुराक दी जा चुकी हैं। यानी हरियाणा की कुल आबादी में से केवल 28% को ही पूरी तरह से टीका लगाया गया है।
टीकाकरण के मामले में हरियाणा प्रदेश अन्य राज्यों से काफी पीछे है। सरकारी आंकड़ें ही हरियाणा का 15वां स्थान बता रहे हैं। इससे साफ है कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार अभी भी पूरी तरह से अशिक्षित आबादी के बीच कोरोना के कहर को नहीं समझ पाई है।राजन राव ने कहा कि टीकाकरण अभियान को तेज गति से युद्ध स्तर पर किए जाने की आवश्यकता है ताकि दूसरी लहर में स्थिति प्रदेश की थी उससे कम से कम बचा जा सके ।
कोविड की दूसरी लहर के दौरान सरकारी दूरदर्शिता और तैयारियों की कमी के कारण हुई तबाही ने लोगों को एक तरह से जंगल राज की याद आ गयी, जहां उन्हें सरकार ने अपने हाल पर छोड़ दिया था। दूसरी लेहेर में लोग सरकार की वजह से नही बल्कि खुद एक दूसरे की मदद के सहारे इस महामारी से निपट पाए। कोरोना वायरस से निपटने के लिए न अस्पताल के बिस्तर थे, न ऑक्सीजन सिलेंडर और न ही दवाएं। राज्य ने आसानी से अपने कदम पीछे खींच लिए और अपने नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
राजन राव ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार टीकाकरण अभियान की धीमी गति के लिए किसी को भी दोष नहीं दे सकती बल्कि इस नाकामी की वो खुद ही दोषी है। ये हाल प्रदेश में जब है तब टीकों का बड़ा हिस्सा अभी भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, जिसमें केवल 25% टीके निजी खरीद के लिए उपलब्ध हैं। हरियाणा के कम टीकाकरण संख्या के लिए अब कोई बहाना नहीं है।
राजन के अनुसार राज्य सरकार को चाहिए कि वह घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान शुरू करे ताकि वंचित, गरीब, कमजोर, निराश्रित, जरूरमंदों को आसानी से कोरोना का टीका लगाकर सुरक्षित किया जा सके। महामारी से निपटने का एकमात्र तरीका टीकाकरण है, जिसके कारण कई मौतें हुई हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर संभावित दीर्घकालिक दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। मनमाने तरीके से कोरोना के उपचार के नाम पर वूसली पर सरकार कोई अंकुश नहीं लगा पा रही है। आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी के बीच लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की मनोहर सरकार मौजूदा कई संकटों से निपटने में असमर्थ रही है। किसानों के विरोध से लेकर कम टीकाकरण संख्या तक राज्य सरकार नीतिगत पक्षाघात की चपेट में है। हरियाणा भाजपा में अंदरूनी कलह और सत्ता की भागीदार जजपा के साथ उसकी कलह ने सरकार को आत्मसंतुष्ट मोड में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की लंबी विफलताओं की फेहरिस्त के कारण सरकार में तत्काल परिवर्तन की आवश्यकता है ताकि लोगों को अयोग्य, अक्षम और खट्टर सरकार का बाकि बचा 3 साल का कुशासन न झेलना पड़े।