नई दिल्ली: भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और गुजरात समेत देश के कई राज्यों मेंलोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राजस्थान के जालौर जिले में भारी बारिश के कारण पहाड़ी झरने के तेज बहाव में पांच लोग बह गये, जिनमें से एक महिला की मौत हो गयी. त्रिपुरा में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान के दौरान दो लोगों की जान चली गई. IMD ने 26 अगस्त तक कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण, IMD ने मछुआरों को 27 अगस्त तक अरब सागर में न जाने की चेतावनी दी है. बीते शनिवार को उत्तरी गुजरात के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई, जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भर गया और यातायात बाधित हो गया. गांवों को जोड़ने वाले राज्य राजमार्ग पर यातायात भी बाधित हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 206 जलाशयों में से 66 में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है.
IMD ने कहा कि दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा, हुगली, बीरभूम, पूर्व और पश्चिम बर्धमान जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होगी. कोलकाता और दक्षिण बंगाल के अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना है. मछुआरों को 26 अगस्त तक राज्य के तट के साथ बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
जसवन्तपुरा क्षेत्र में करीब 3 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई. इससे पहाड़ी से बह रहे झरने में पानी की गति बढ़ गई और सुंधा माता मंदिर में दर्शन करने आए पांच श्रद्धालु पानी के साथ बह गए. मौके पर पुलिस, SDRF, NDRF एवं आत्मरक्षा दल की टीम पहुंची. बचाव दल ने 3 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. एक महिला का शव तो बरामद हो गया, लेकिन लापता पांचवें श्रद्धालु का अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन तलाश जारी है. राज्य के गंगापुर में भी एक 65 वर्षीय व्यक्ति नदी की तेज धारा में बह गया और उसकी मौत हो गई.
अगरतला में अधिकारियों ने कहा कि त्रिपुरा स्टेट राइफल के जवान आशीष बोस की दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में एक बचाव अभियान के दौरान नदी में बह जाने से मौत हो गई. इस बीच पश्चिम त्रिपुरा जिले के इंदिरा नगर में 3 लोगों को बचाने के दौरान डूबने से जीप चालक चिरंजीत देब की मौत हो गई. राज्य में बाढ़ से अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है और 1.28 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं.
उत्तराखंड के बागेश्वर में पिंडारी और कफनी ग्लेशियर का रास्ता एडवेंचर प्रेमियों के लिए 15 सितंबर से खुल जाएगा. लेकिन पिंडारी ग्लेशियर रूट पर भारी बारिश से हुए नुकसान को देखते हुए ट्रैकर्स के लिए राह आसान नहीं दिख रही है. खाती से सात किमी आगे रुनेठा के पास पैदल पुल की नींव खोखली हो गई है. इसका असर पर्यटन पर नज़र रखने में दिख रहा है.
जम्मू-कश्मीर में 27 और 28 अगस्त को मौसम फिर बदल सकता है. मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के मुताबिक, इन दिनों में कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने पर बाढ़, भूस्खलन और पहाड़ों से पत्थर गिरने का खतरा रहता है. इस बीच मौसम साफ रहने से राज्य में तापमान में बढ़ोतरी हुई है. कश्मीर के कई जिलों में दिन का तापमान 31 डिग्री से ऊपर है.
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में भारी बारिश हो रही है. शनिवार सुबह 8 बजे से पहले 24 घंटों में 40 तहसीलों में 65 मिमी तक बारिश दर्ज की गई. छत्रपति सभाजीनगर, जालना, बीड, नांदेड़, परभणी और हिंगोली जिलों में आने वाली इन तहसीलों में भारी बारिश हुई. नांदेड़ की लिंबगांव तहसील में सबसे ज्यादा 116.50 मिमी बारिश दर्ज की गई.
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