तिरुपति बालाजी विवाद के बाद वृंदावन में छापा: दुकानदार भागे, प्रसाद की गुणवत्ता पर उठे सवाल

मथुरा: तिरुपति बालाजी के प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिलने की खबर के बाद, प्रसाद पर राजनीति तेज हो गई है। सपा सांसद डिंपल यादव ने अब वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के आसपास की दुकानों में मिलने वाले प्रसाद की जांच की मांग की है।

खाद्य विभाग की कार्रवाई

जांच के बाद खाद्य विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू की है। विभाग ने अब तक 27 सैंपल लिए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट 15 दिन में आएगी। हैरानी की बात यह है कि जब खाद्य विभाग की टीम ने छापेमारी की, तो कई दुकाने बंद मिलीं, जिससे दुकानदारों में डर का माहौल था।

मंदिर प्रबंधन की सफाई

एक टीम ने बांके बिहारी मंदिर में भोग प्रसाद के बारे में जानकारी जुटाई। मंदिर के गोसाईयों ने बताया कि मंदिर में प्रसाद के लिए सूखी सामग्री बाजार से आती है, जबकि घी गौशाला में बनाया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर में बाहर से किसी भी सामग्री का भोग नहीं चढ़ाया जाता।

मिलावट करने वालों में हड़कंप

खाद्य विभाग की छापेमारी के कारण मिलावटी प्रसाद बनाने वाले दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। कुछ दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके भाग गए, जबकि जिनके पास मिलावट रहित प्रसाद है, वे अपनी दुकानें खोलकर ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं। एक दुकानदार ने बताया कि वह अपने कारखाने में प्रसाद तैयार करता है और वहां सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जाती है, ताकि कोई गलत हरकत न हो सके।

राजनीतिक विवाद जारी

प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर चल रही राजनीति अब भी जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद कब और कैसे समाप्त होता है।

 

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