रांची। झारखंड की हेमंत सरकार में मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के एक बयान को लेकर बवाल शुरू हो गया है। विवादों में रहने वाले हफीजुल हसन ने शरीयत को संविधान से बड़ा बताया है। हफीजुल ने अपने बयान में कहा कि मुसलमानों के लिए शरीयत पहले हैं और फिर संविधान है। उनके लिए शरीयत बड़ा है। अब उनके बयान से बवाल हो गया है। भाजपा ने सोरेन सरकार से मांग की है कि हफीजुल हसन को मंत्रिमंडल बर्खास्त किया जाए।
आपको बता दें कि एक निजी चैनल से बात करने के दौरान हफीजुल हसन ने कहा कि हमारे लिए शरीयत बड़ा है। हम लोग कुरान को अपने सीने में रखते हैं और संविधान को हाथ में। मुसलमान सीने में कुरान और हाथ में संविधान लेकर चलता है। हम पहले शरीयत को मानेंगे फिर संविधान को। इस मामले में हंगामा होने पर मंत्री ने कहा कि मेरे बयान को तोड़मोड़ कर पेश किया जा रहा है।
For me, Sharia comes first, the Indian Constitution later: Jharkhand Minister Hassan Ansari (INDI alliance)
Full marks to him for his honesty.. pic.twitter.com/xbx4a6lq4p
— Mr Sinha (@MrSinha_) April 14, 2025
हफीजुल हसन अंसारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री हैं और मधुपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। हफीजुल हसन अंसारी के पास अल्पसंख्यक कल्याण, निबंधन, शहरी विकास, पर्यटन, खेल और युवा मंत्रालय की जिम्मेदारी है। हफीजुल हसन अंसारी के पिता हाजी हुसैन शिबू सोरेन के काफी करीबी माने जाते थे। वो भी विधायक रह चुके।