उदयपुर, राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी द्वारा तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित किया गया था. इस शिविर में पार्टी द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव (2024) को लेकर राजनीतिक रणनीति तय करने पर जोर दिया गया। जहां आज इस शिविर का आखिरी और तीसरा दिन था. वहीं कांग्रेस पार्टी के सांसद और पूर्व पार्टी अध्यक्ष द्वारा […]
उदयपुर, राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस पार्टी द्वारा तीन दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित किया गया था. इस शिविर में पार्टी द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव (2024) को लेकर राजनीतिक रणनीति तय करने पर जोर दिया गया। जहां आज इस शिविर का आखिरी और तीसरा दिन था. वहीं कांग्रेस पार्टी के सांसद और पूर्व पार्टी अध्यक्ष द्वारा पार्टी की रणनीति को लेकर बात की गई है.
जानकारी के मुताबिक G23 नेताओं द्वारा कांग्रेस पार्टी पार्लियामेंट बोर्ड बनाने की मांग की है. तीन दिवसीय आयोजित इस शिविर में रविवार यानि आखरी दिन राहुल गाँधी भी शामिल हुए. जहां उन्होंने पार्टी का प्लान बताया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अगले एक साल के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा करने का ऐलान किया है. इस यात्रा का अधिकांश हिस्सा वह पदयात्रा कर तय करेंगे. इस यात्रा का लक्ष्य कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच सीधा जुड़ाव पैदा करना है. साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर मैदानी स्तर पर तैयारी करने का होगा.
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 15, 2022
राहुल गाँधी ने चिंतन शिविर के आखरी दिन RSS-BJP पर निशाना साधा है. उन्होंने RSS-BJP विचारधारा को देश के लिए खतरा बताया है. साथ ही कांग्रेस पार्टी के खिलाफ इन बड़ी पार्टियों की मौजूदगी को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा ‘हमारे खिलाफ बड़ी शक्तियां काम कर रही हैं, ये देश देख रहा’. उन्होंने साफ़ कहा कि केंद्र की विचारधारा देश के लिए खतरा है जिसके खिलाफ उनका काम समर्पित रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में डालियों का अपमान होता है साथ ही वहाँ किसी की बात भी नहीं सुनी जाती है. पार्टी की ओर से बात करते हुए पार्टी पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपनी आपबीती रखने का पूर्ण अधिकार है.
जानकारी के मुताबिक, कृष्णम ने अपनी मांग को पार्टी के सामने रखते हुए कहा कि पिछले दो सालों से राहुल गांधी को मनाने की कोशिश जारी है. राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हैं. इसलिए प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान सौपनी चाहिए. हालांकि समिति के संयोजक मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश भी की गई. लेकिन वह अपनी बात कहकर ही चुप हुए. वहीं पार्टी के अन्य नेताओं ने भी पार्टी के नेतृत्व के लिए प्रियंका गांधी की भूमिका बढ़ाने की मांग की है.
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