बंगाल हिंसा को लेकर पुलिस पर उठे सवाल, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

कोलकाता: रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक हिंसा की आग भड़कने के बाद सियासी पारा भी हाई हो गया है. जहां पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर राज्य की क़ानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी कड़ी में गृह मंत्रालय ने अब राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

West Bengal BJP chief Sukanta Majumdar writes to Union HM Amit Shah over the law and order situation in the state, alleging that the Police is "harassing and arresting Hindus while looking a blind eye to the actual culprits and criminals from the minority community…"

He urges… pic.twitter.com/LfRodCstJh

— ANI (@ANI) April 4, 2023

केंद्र सरकार को लिखा पत्र

दरअसल बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार ने राज्य में लगातार हो रही हिंसा पर और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. इस पत्र में राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए गए थे जिसके बाद गृह मंत्रालय ने ये कदम उठाया है. बता दें, इस हिंसा की शुरुआत रामनवमी (30 मार्च) से हुई थी जिसकी आग थमने का नाम ही नहीं ले रही है. हिंसा आगजनी का जो दौर पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ था वह धीरे-धीरे बिहार में भी फ़ैल गया. इसी कड़ी में बंगाल के रिशरा में हिंसक झड़पें देखी गई हैं जिससे इलाके में तनाव फ़ैल गया है.

कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

बता दें, बीते रविवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार भी हावड़ा जाकर हिंसा प्रभावित लोगों से मिलना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. कहा गया था कि यदि सुकांता हावड़ा जाएंगे तो उनपर एक्शन लिया जाएगा. हालांकि पुलिस की रोक के बावजूद बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा था कि वह हावड़ा जाएंगे। उन्होंने कहा था कि वह उन स्थानीय निवासियों से मिलेंगे जहां पर तोड़फोड़ हुई थी. आगे उन्होंने कहा था कि पुलिस अगर उन्हें रोकने का प्रयास करेगी तो वह तय करेंगे कि क्या किया जा सकता है. प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा था कि उन्हें CID की जांच पर भी भरोसा नहीं है.

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