यूपी के हापुड़ में गोकशी के शक में मारे गए कासिम को चार व्यक्ति पुलिस की मौजूदगी में घसीटकर ले जाते नजर आए थे. इस मामले का फोटो वायरल होने के बाद यूपी पुलिस ने माफी मांगी है. कासिम की हत्या के बाद उसके भाई नदीम ने कई खुलासे किए हैं.
मेरठ. हापुड़ में समीउद्दीन और कासिम की कथित तौर पर गौर गोकशी के शक में पिटाई की गई थी. पुलिस ने इस मामले को रोडरेज की घटना के रूप में दर्ज किया है. भीड़ द्वारा दोनों की पिटाई के दौरान कासिम की मौत हो गई थी. इस मामले पर समीउद्दीन के बड़े भाई मेहरुद्दीन ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए हैं. मेहरुद्दीन ने कहा कि एफआईआर में हमने वही लिखवाया जैसा पुलिस ने कहा था. हमारी बस इतनी सी गुजारिश थी कि हमें न्याय मिले.
उन्होंने कहा कि यह रोड रेज का मामला नहीं है. मेरे भाई के अंगूठे पर स्याही का निशान भी है पता नहीं कब और किसने अंगूठा लगवा लिया. मेहरुद्दीन ने कहा कि उसे इलाज भी देर से मिला. दोपहर 12-1 बजे की घटना है लेकिन हमें शाम 6 बजे अस्पताल का पता चला. जहां वाकया हुआ वह खेत भी हमारा था. मेरा भाई चारा लेने गया हुआ था. वहां कुछ लोग कासिम को पीट रहे थे. मेरे भाई ने बीच बचाव करने की कोशिश की. इस पर उसे भी बेरहमी से मारा गया. मेरे भाई की तबियत ठीक नहीं है वह आईसीयू में है और उसे हर जगह चोट लगी है.
वहीं दूसरी तरफ मृतक कासिम के भाई नदीम ने कहा कि मुझे बस इंसाफ चाहिए. एफआईआर हमारी तरफ से नहीं बल्कि, समीउद्दीन की तरफ से है. पुलिस ने हमसे कहा था कि एक मामले में दो दो एफआईआर नहीं हो सकतीं. नदीम ने बताया कि मेरे भाई भैंस, बकरी खरीदने बेचने का काम करते थे. वाकये के दिन उन्हें फोन आया तो वे घर से 50-60 हजार रुपया लेकर निकले. पुलिस ने बताया कि उनकी जेब से 14 हजार रुपये मिले. उनको तड़पा-तड़पा कर मारा गया, पानी तक नहीं दिया गया.
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