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गोली मार दी गई, आतंकी का नाम आया सामने, राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करने की रची साजिश!

पंजाब के फरीदकोट जिले के हरी नौ गांव में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने वारिस पंजाब दे प्रमुख और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह समेत आरोपियों के खिलाफ यूएपीए लगाया है. 10 अक्टूबर 2024 को गुरप्रीत सिंह की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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Shot dead, name of terrorist revealed, conspiracy hatched to weaken national security
  • January 9, 2025 3:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 hours ago

चंडीगढ़: पंजाब के फरीदकोट जिले के हरी नौ गांव में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने वारिस पंजाब दे प्रमुख और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह समेत आरोपियों के खिलाफ यूएपीए लगाया है. 10 अक्टूबर 2024 को गुरप्रीत सिंह की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में सांसद अमृतपाल सिंह और आतंकी अर्श दल्ला को भी नामित किया था।

जेल में बंद किया जा चुका है

23 अक्टूबर को कोटकपूरा पुलिस ने एफआईआर में बीएनएस की धारा 111 (संगठित अपराध) जोड़ दी थी. अमृतपाल सिंह और उनके नौ साथियों को पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया जा चुका है। अब फरीदकोट के इस मामले में यूएपीए की धाराएं लगाए जाने से उनके लिए कानूनी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. पंजाब पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले यूएपीए की धाराएं भी जोड़ दी हैं.

सूत्रों ने दावा किया कि चूंकि पुलिस को 90 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर अदालत में आरोपपत्र पेश करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए उन्होंने आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत मांगने से रोकने के लिए यूएपीए लागू करने का फैसला किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह हत्या अशांति पैदा करने और देश की सुरक्षा को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश थी।

हमने यूएपीए लागू किया

हमारे पास सभी आरोपियों को योजनाबद्ध तरीके से कई अवैध गतिविधियों से जोड़ने के पुख्ता सबूत हैं, यही वजह है कि हमने यूएपीए लागू किया है।” । डाल दिया है। दरअसल, गुरप्रीत सिंह (30 वर्ष) पेशे से वकील थे और इंडियन नेशनल लोकदल से जुड़े थे और इसके लिए कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे. पिछले साल अक्टूबर में बाइक सवार दो अपराधी फरीदकोट आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. उनके हमले के बाद गुरप्रीत सिंह की मौत हो गई.

चुनाव में प्रचार कर लौट रहे

जब गुरप्रीत सिंह पर हमला हुआ तब वह पंचायत चुनाव में प्रचार कर लौट रहे थे. पुलिस को इस हत्याकांड में सांसद अमृतपाल सिंह के शामिल होने के सबूत मिले थे. साथ ही जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस हत्या की साजिश में गैंगस्टर अर्श दल्ला भी शामिल था.

 

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