चंडीगढ़: खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी प्रचारक अमृतपाल सिंह के सात सहयोगियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। जेल में बंद वारिस पंजाब डे (WPD) संगठन से जुड़े इन सात सदस्यों को रिहाई के तुरंत बाद अन्य मामले में फिर पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पंजाब पुलिस की 25 सदस्यीय टीम पिछले कई दिनों से असम के डिब्रूगढ़ में कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रही थी।

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कुलवंत सिंह, हरजीत सिंह और गुरिंदर पाल सिंह को बुधवार को रिहा किया गया, लेकिन इसके तुरंत बाद पंजाब पुलिस ने डिब्रूगढ़ की अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगी। इससे पहले गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह उर्फ प्रधान मंत्री बाजेके, दलजीत सिंह कलसी और बसंत सिंह को भी रिहाई के बाद दोबारा गिरफ्तार किया गया था।

इसके साथ ही अधिकारी ने बताया, “सभी सातों को अब पंजाब ले जाने की कानूनी प्रक्रिया अंतिम चरण में है।” इसके अलावा अमृतपाल सिंह, पपलप्रीत सिंह और वरिंदर सिंह जौहल को फिलहाल डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा जाएगा, जहां उनकी हिरासत जून 2025 तक जारी रहेगी।

अमृतपाल सिंह का राजनीतिक सफर

अमृतपाल सिंह ने 2024 लोकसभा चुनाव में पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। मार्च 2023 में, पंजाब सरकार ने अमृतपाल और उसके समर्थकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें NSA के तहत गिरफ्तार किया था। 2024 में उनकी हिरासत एक साल के लिए बढ़ा दी गई थी। बता दें, अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर साम्प्रदायिक नफरत फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के कार्य में बाधा डालने के आरोप दर्ज हैं।

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