Punjab Power Tariffs Hiked: पंजाब में बिजली हुई और महंगी, अमरिंदर सिंह सरकार ने बढ़ाई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी

पंजाब की कांग्रेस सरकार ने चुनावी वादे से इतर बिजली के दाम घटाने के बजाय बढ़ा दिए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावों के वक्त वायदा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनी तो इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 10 परसेंट घटाई जाएगी. लेकिन पंजाब सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी घटाने के बजाय 2 परसेंट बढ़ा दी है.

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Punjab Power Tariffs Hiked: पंजाब में बिजली हुई और महंगी, अमरिंदर सिंह सरकार ने बढ़ाई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी

Aanchal Pandey

  • June 22, 2018 5:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

चंडीगढ़. पंजाब में बिजली महंगी हो गई है. अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में बिजली पर लगने वाला इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी यानी बिजली शुल्क 2 परसेंट बढ़ाकर 13 परसेंट से 15 परसेंट कर दिया है. हिमाचल प्रदेश को छोड़ दें तो पंजाब में उत्तर भारत के तमाम राज्यों में बिना टैक्स की सबसे सस्ती बिजली मिलती है. अकाली सरकार ने 2007 में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी बढ़ाकर 13 परसेंट कर दी थी जिसके बाद ये अब 2 परसेंट बढ़ाई गई है. पंजाब में बिजली पर 15 परसेंट इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के अलावा 5 परसेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फी भी लगता है- मतलब बिजली का जो भी खर्चा आएगा उस पर 20 परसेंट ज्यादा टैक्स लगेगा.

अमरिंदर सिंह जब पिछले साल चुनाव प्रचार कर रहे थे तो उन्होंने इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को 10 परसेंट घटाने का वादा किया था और कांग्रेस घोषणा पत्र में ये ऐलान किया गया था कि उद्योगों के लिए भी बिजली 5 रुपए प्रति यूनिट पांच साल फिक्स रहेगी. पंजाब में किसानों को मुफ्त में बिजली मिलती है और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमीर किसानों से मुफ्त बिजली यानी सब्सिडी वाली बिजली छोड़ने की अपील भी की थी.

पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन ने इस साल जनवरी में बिजली की कीमत कम से कम 17 परसेंट बढ़ाने की सिफारिश की थी लेकिन पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने 2.17 परसेंट ही बढ़ाने दिया. पिछले साल अक्टूबर में भी बिजली की कीमत 9.33 परसेंट बढ़ाई गई थी और उसे 1 अप्रैल से लागू करते हुए ग्राहकों को 9 महीने में किश्त में चुकाने का ऑप्शन दिया गया था. पंजाब सरकार वित्तीय वर्ष 2018-19 में करीब 8949 करोड़ रुपए बिजली सब्सिडी पर खर्च करेगी. इसमें मुफ्त बिजली मद में किसानों पर 6256 करोड़, अनुसूचित जाति पर 1107 करोड़, गैर दलित गरीबों पर 69 करोड़ और पिछड़ी जातियों पर 75 करोड़ खर्च होगा. इंड्स्ट्री को 5 रुपए पर यूनिट बिजली देने के कारण सरकार को करीब 1441 करोड़ इस मद में भी बिजली कंपनी को देने होंगे.

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