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..जब आमने-सामने आए CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू, नजरें चुराते रहे दोनों

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अक्सर दोनों के बीच अनबन की खबरें सामने आती रहतीं हैं. शनिवार को एक बार फिर एक कार्यक्रम के दौरान दोनों एक-दूसरे से नजरें चुराते दिखाई दिए. अमृतसर, जालंधर और पटियाला नगर निगम के मेयर प्रत्याशियों के चयन में खुद को नजरअंदाज किए जाने के बाद सिद्धू ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी. माना जा रहा है कि इसी मसले पर सिद्धू की सीएम अमरिंदर सिंह से अनबन चल रही है.

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Punjab Politics
  • February 4, 2018 4:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

पटियालाः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अक्सर दोनों के बीच अनबन की खबरें सामने आती रहतीं हैं. शनिवार को एक बार फिर एक कार्यक्रम के दौरान दोनों एक-दूसरे से नजरें चुराते दिखाई दिए. मिली जानकारी के अनुसार, सीएम अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला के यादविंदरा पब्लिक स्कूल (वाईपीएस) के स्थापना दिवस समारो‍ह में पहुंचे थे. पूरे कार्यक्रम के दौरान दोनों ने एक-दूसरे को देखा तक नहीं, जिससे इन अटकलों को बल मिल गया कि सीएम और सिद्धू के बीच गतिरोध जारी है.

वाईपीएस के स्थापना दिवस समारो‍ह में सीएम अमरिंदर सिंह पहली लाइन तो सिद्धू दूसरी कतार में बैठे थे. वहां मौजूद लोगों को संबोधित करने के लिए जैसे ही मुख्यमंत्री मंच पर आए तो उसके कुछ देर बाद सिद्धू वहां से निकल गए. वहां मौजूद अतिथिगण भी यह देखकर दंग रह गए कि सीएम के कार्यक्रम में रहते हुए सिद्धू कार्यक्रम छोड़कर चले गए. समारोह को लेकर जो प्रेस नोट तैयार किया गया उसमें भी सिद्धू का कोई जिक्र नहीं किया गया. इससे जाहिर होता है कि सीएम अमरिंदर सिंह और उनके मंत्री नवजोत सिद्धू के बीच तल्खियां कितनी बढ़ गईं हैं.

गौरतलब है कि पिछले साल नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. पंजाब चुनाव में उन्होंने अमृतसर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते. सिद्धू को मंत्री बनाया गया. हाल में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाया था. दरअसल अमृतसर, जालंधर और पटियाला नगर निगम के मेयर प्रत्याशियों के चयन में खुद को नजरअंदाज किए जाने के बाद सिद्धू ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी. सूत्रों की मानें तो सबसे ज्यादा नाराजगी उनकी इस बात को लेकर थी कि अमृतसर से विधायक होने के बावजूद मेयर के चयन को लेकर उनसे राय-मशविरा नहीं किया गया.

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