पुणे के भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस से शुरू जातीय हिंसा महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों में फैली, आगजनी-तोड़फोड़ में एक की मौत, CM ने कहा- बदनाम करने की साजिश

भीमा-कोरेगांव में सोमवार को भड़की जातीय हिंसा की आग मंगलवार को महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में पहुंच गई. मुंबई, हड़पसर और फुरसुंगी में बसों पर पथराव किया गया. औरंगाबाद और अहमदनगर के लिए बस सेवाएं निरस्त कर दी गईं हैं. भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई है. स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. भीमा-कोरेगांव में भड़की जातीय हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

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पुणे के भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस से शुरू जातीय हिंसा महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों में फैली, आगजनी-तोड़फोड़ में एक की मौत, CM ने कहा- बदनाम करने की साजिश

Aanchal Pandey

  • January 2, 2018 3:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

पुणे/मुंबईः शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर भीमा-कोरेगांव में सोमवार को दलितों के कार्यक्रम ‘शौर्य दिवस’ के दौरान हुई हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई. कई लोग घायल हो गए. मंगलवार को एक बार फिर हिंसक झड़प की खबरें आईं. मुंबई, हड़पसर और फुरसुंगी में बसों पर पथराव किया गया. जिसके बाद औरंगाबाद और अहमदनगर के लिए बस सेवाएं निरस्त कर दी गईं हैं. पुलिस टीम मौके पर पहुंच चुकीं हैं. स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने भीमा-कोरेगांव में हुई जातीय हिंसा मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब तीन लाख लोग शौर्य दिवस मनाने आए थे. सुरक्षा व्यवस्था के एहतियातन हमने पुलिस की 6 कंपनियां गांव में तैनात की थीं. कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई. इस तरह की हिंसा को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.’

जो युवक इस जातीय हिंसा में मारा गया उसका नाम राहुल फटांगले (28) था. राहुल नांदेड़ का रहने वाला था. हिंसा के लिए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया. पवार ने कहा कि आज तक भीमा-कोरेगांव के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ है. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह मनाई जा रही थी और कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने यहां की फिजा को बिगाड़ दिया. इन लोगों ने वधु गांव के लोगों भड़काया और यहां हिंसा फैल गई. पवार ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रशासन को पता था कि इस बार शौर्य दिवस पर देश भर से लाखों लोग भीमा-कोरेगांव पहुंचेंगे, इसके बावजूद प्रशासन की तैयारियां दुरुस्त नहीं थीं और आगे जो हुआ वो बेहद निराशाजनक है. शरद पवार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

इस घटना पर कांग्रेस ने बीजेपी और संघ पर संगीन आरोप लगाए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई कांग्रेस के डॉ. राजू वाघमारे ने कहा कि दलितों के कार्यक्रम पर हमला करने की उनकी पहले से प्लानिंग थी. आरएसएस के कुछ लोग यहां हिंसा भड़काने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहे थे. बताते चलें कि इस कार्यक्रम में दलित नेता एवं गुजरात से नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका, भीम आर्मी के अध्यक्ष विनय रतन सिंह और पूर्व सांसद एवं डा. भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर भी मौजूद थे. फिलहाल भीमा-कोरेगांव में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है. स्थिति पूरी तरह से सुरक्षाबलों के नियंत्रण में है.

गौरतलब है कि 1 जनवरी, 1818 को पुणे स्थित कोरेगांव में भीमा नदी के पास उत्तर-पू्र्व में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई हुई थी. इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दरअसल अंग्रेजों की तरफ 500 लड़ाके, जिनमें 450 महार सैनिक थे और दूसरी ओर पेशवा के 28 हजार सैनिक थे. मात्र 500 अंग्रेज और महार सैनिकों ने पेशवा की शक्तिशाली 28 हजार मराठा फौज को हरा दिया था. दलित नेता इस ब्रिटिश-महार सैनिकों की जीत का जश्न मनाते हैं. हालांकि, दक्षिणपंथी समूह दलितों द्वारा इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाए जाने का विरोध करते हैं. पुलिस ने बताया कि सोमवार को जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. इस घटना में शुरू हुए पथराव में कई लोग जख्मी हो गए.

घटना में दर्जनों गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिए पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया. सुरक्षा के एहतियातन मोबाइल फोन नेटवर्क को भी कुछ समय के लिए अवरूद्ध कर दिया गया ताकि भड़काऊ संदेशों को फैलाने से रोका जा सके. इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने जांच की मांग की है. अठावले ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बातचीत कर जांच की मांग की है. अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

 

 

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