Pulwama Terror Attack: पुलवामा आतंकी हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. सरकार ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है. साथ ही आयात पर कस्टम ड्यूटी भी 200 प्रतिशत तक बढ़ा दी है. इसके अलावा अलगावावादी नेताओं की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है.
जम्मू. पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. रविवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. इन नेताओं में मीरवाइज उमर फारूख, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शब्बीर शाह शामिल हैं. हालांकि इस आदेश में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का नाम नहीं है. 14 फरवरी को पुलवामा फिदायीन हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.
सरकार ने कहा कि इन नेताओं को दी गई सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को आज शाम से हटा दिया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि कोई सुरक्षा बल या अन्य चीजें उन्हें मुहैया नहीं कराई जाएंगी. पुलिस यह भी देखेगी कि क्या अन्य अलगाववादी नेताओं को भी सुरक्षा मिली हुई है. ऐसी स्थिति में उसे भी वापस लिया जाएगा.शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार ऐसे लोगों की सुरक्षा का रिव्यू करेगी, जो पाकिस्तान और उसकी सुरक्षा एजेंसी आईएसआई की मदद करते हैं.
उन्होंने कहा था, घाटी में कई ऐसे तत्व हैं जो पाकिस्तान और आईएसआई से पैसा लेते हैं. मैंने अधिकारियों से उनकी सुरक्षा का रिव्यू करने को कहा है.राजनाथ सिंह ने शनिवार को रॉ प्रमुख एके धस्माना, आईबी के अतिरिक्त निदेशक अरविंद कुमार,गृह सचिव राजीव गाबा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की पुलवामा हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस, चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ से लेकर अफगानिस्तान, इस्राइल, सऊदी अरब और इंडोनेशिया समेत कई देश भारत के समर्थन में आ गए हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को समर्थन देने का ऐलान किया है.