मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश का सोनभद्र नरसंहार मामला राजनीतिक तूल पकड़ गया है. पीड़ित परिवारों से मिलने की जिद्द पर धरना पर बैठीं राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गेस्ट हाउस में ही सोनभद्र में गोलीबारी में मारे गए लोगों के 2 परिजनों से मुलाकात की. प्रियंका का आरोप है कि बाकि 13 परिजनों से उन्हें मिलने नहीं दिया गया. पीड़ितों से मुलाकात कर 26 घंटे बाद प्रियंका गांधी ने धरना खत्म किया. प्रियंका ने कहा कि उनका धरना देने का मकसद पूरा हो गया. इससे पहले प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि पीड़ितों में से सिर्फ 2 ही लोगों ने उनसे मुलाकात की, बाकि लोगों को उनसे मिलने नहीं दिया गया. प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि भगवान जाने इनकी मानसिकता क्या है? आप थोड़ा (मीडिया) दबाव बनाइए, उन्हें आने दिजिए. आप सिर्फ मेरे पीछे पड़े हैं.
आरपीएन सिंह, राज बब्बर समेत कई कांग्रेस और टीएमसी नेता वाराणसी एयरपोर्ट पर हिरासत में लेने के बाद छोड़े गए
प्रियंका गांधी के धरने ने सिर्फ योगी सरकार ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में खलबली मचा दी है. शुक्रवार दोपहर हिरासत में ली गईं प्रियंका गांधी के समर्थन कांग्रेस नेताओं ने मिर्जापुर गेस्ट हाउस पहुंचना शुरू कर दिया है. इस बीच कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, दीपेंद्र हुड्डा, आरपीएन सिंह, राजीव शुक्ला, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद समेत कई बड़े नेताओं को वाराणसी एयरपोर्ट पर ही रोककर हिरासत में ले लिया गया है. हालांकि बाद में सभी कांग्रेसी नेताओं को चुनार जाने की इजाजत दे दी गई.
वहीं पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंच रहे टीएमसी नेताओं को भी एयरपोर्ट पर रोका गया तो उन्होंने वहीं पर धरना देना शुरू कर दिया. हालांकि, कुछ समय बाद प्रशासन ने उन्हें वाराणसी के अस्पताल में भर्ती घायलों और उनके परिजनों से मिलने की अनुमती दे दी.
मायावती ने भी साधा योगी सरकार पर निशाना
प्रियंका गांधी को सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने से रोकने के बाद यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने भी सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा ”यूपी सरकार जान-माल की सुरक्षा व जनहित के मामलें में अपनी विफलता को छिपाने के लिए धारा 144 का सहारा लेकर किसी को सोनभद्र जाने नहीं दे रही है. फिर भी उचित समय पर वहाँ जाकर पीड़ितों की यथासंभव मदद कराने का बीएसपी विधानमण्डल दल को निर्देश. सरकारी लापरवाही इस नरसंहार का मुख्य कारण.”
क्या है सोनभद्र नरसंहार का पूरा मामला
यूपी के सोनभद्र में जमीन से जुड़े विवाद में 32 ट्रैक्टर ट्रॉलियों में आए करीब 200 लोगों ने गांव के आदिवासियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद लाठी-डंडों से सबकी पिटाई की. इस दौरान 10 लोगों की जान चल गई जबकि काफी संख्या में लोग घायल हो गए. इस नरसंहार के आरोपी ग्राम प्रधान सहित 11 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. साथ ही पुलिस ने हथियारों को भी बरामद कर लिया है. पुलिस ग्राम प्रधान के भतीजे सहित 24 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान फरार है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.
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