मुंबई। आईटीवी नेटवर्क द्वारा महाराष्ट्र के मुंबई में ‘वी वीमेन वांट कॉन्क्लेव’ का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश की कई मशहूर हस्तियां भाग ले रही हैं। इस कॉन्क्लेव में कांग्रेस नेता, पूर्व सांसद और नरगिस दत्त फाउंडेशन की ट्रस्टी प्रिया दत्त भी शामिल हुई। उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार प्रिया सहगल के साथ चर्चा की।
‘वी वीमेन वांट कॉन्क्लेव’ कार्यक्रम में प्रिया दत्त ने कहा कि मेरे जिदंगी का एक प्लान है कि कोई प्लान नहीं है। जब मैं 8 महीनें की गर्भवती थी, तो मैने अपना पहला चुनाव लड़ा था। उस समय मैने अपना नॉमिनेशन फाइल करके अस्पताल चली गई थी। डॉक्टर्स का कहना था कि मै चुनाव प्रचार नहीं कर पाऊंगी, लेकिन मैने किया। मुझे नहीं पता कि मैने ये कैसे किया पर मैने ही किया।
जब आप राजनीति और उसका चुनाव प्रचार करते हो तो सबसे बड़ी दिक्कत टॉयलेट की होती है। बता दें कि हमारे यहां संसद में भी महिलाओं के लिए सिर्फ एक ही टॉयलेट है। पुरुषों के लिए कई टॉयलेट हैं, जबकि महिलाओं के लिए सिर्फ एक। यह सारी समस्या ही महिलाओं को राजनीति में आने से रोकता है। प्रिया दत्त ने कहा कि मुझे बहुत आसानी से टिकट मिल गया था, दरअसल ये मेरे पिता का इलेक्शन था, उनकी वजह से ही मै ये चुनाव जीती थी। लेकिन वहीं जब मै दूसरी चुनाव लड़ी तो उसको मैने अपने काम और नाम की वजह से जीती थी। भविष्य में राजनीति में सक्रीय रहने के सवाल पर प्रिया ने कहा कि मै एक अलग तरह की नेता हूं, मैं बहुत महत्वकांक्षी नहीं हूं और मै दिल्ली नहीं शिफ्ट होना चाहती थी।
उन्होंने बताया कि बीजेपी और कांग्रेस के साथ करने में बहुत अंतर है। मुझे ऐसा लगता है कि राजनीति पुरुष प्रधान है। संसद भवन में भी मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मै वहां वो काम कर सकती हूं, जो कि पुरुष कर सकते हैं। मेरे पिता ने मुझसे हमेशा कहा है कि मैं वो करूं जो मन करें। प्रिया दत्त ने बताया है कि अब वो राजनीति से बाहर आ चुकी हैं। पूर्व सांसद ने अपने फाउंडेशन के बारे में बताया कि ये शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करता है।
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