Private Jobs Reservation Quota, Private naukriyon me milega Aarakshan: इस राज्य की सरकार ने फैसला लिया है कि प्राइवेट नौकरियों में स्थानिय निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. ये राज्य है राजस्थान. अब राजस्थान सरकार इस बारे में जल्द घोषणा कर सकती है. इससे पहले आंध्र प्रदेश विधानसभा ने जुलाई में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित किसी भी उद्योग या परियोजना में स्थानीय निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून पारित किया था.
जयपुर. राजस्थान सरकार इस साल आंध्र प्रदेश में लागू आरक्षण कोटा के तर्ज पर स्थानीय निवासियों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. आंध्र प्रदेश विधानसभा ने जुलाई में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित किसी भी उद्योग या परियोजना में स्थानीय निवासियों को 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून पारित किया. पालन न करने की स्थिति में कानून में दंड का भी प्रावधान है. इसके बाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 10 जुलाई को और उनके गुजरात सीएम विजय रूपानी ने 15 जुलाई को स्थानीय निवासियों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण का वादा किया. महाराष्ट्र और हरियाणा में राजनीतिक दलों ने स्थानीय निवासियों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग की है.
अब राजस्थान सरकार इस पर विचार कर रही है. राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के प्रबंध निदेशक समित शर्मा ने कहा, हम आने वाले दिनों में सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे. निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव अपने प्रारंभिक चरण में है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और आरएसएलडीसी से इस पर चर्चा करने को कहा है. अधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव पर एक अवधारणा नोट भी तैयार किया जाएगा, जिस पर उद्योग के साथ चर्चा की जा सकती है.
उन्होंने कहा, उद्योग जगत से चर्चा के बाद ही सरकार कानून लाने या कार्यकारी आदेश के जरिये आरक्षण लागू करने पर विचार करेगी. हम आंध्र प्रदेश मॉडल को करीब से देख रहे हैं. प्रस्ताव के जवाब में, भारतीय उद्योग परिसंघ, सीआईआई के राजस्थान अध्याय के निदेशक, नितिन गुप्ता ने कहा, सीआईआई का विचार है कि हम एक खुली बाजार अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं और इसलिए सभी को कहीं भी काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए. यदि वे एक निश्चित प्रतिशत के बाद स्थानीय कर्मचारियों को काम पर रखते हैं तो उद्योग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. ऐसे विशेष क्षेत्र हैं जिनमें पर्याप्त कुशल स्थानीय कार्यबल खोजना मुश्किल हो सकता है.
दरअसल केंद्रीय श्रम मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में लगभग 5.34 लाख बेरोजगार युवा विभिन्न रोजगार एक्सचेंजों में पंजीकृत हैं. हालांकि कई लोग रोजगार एक्सचेंजों के माध्यम से नौकरी नहीं पाते हैं. ऐसे में सरकार कोशिश कर रही है कि इस बेरोजगारी के आंकड़े को कम किया जा सके.