दलितों पर हो रहे अत्याचार की खबरों के बीच हैदराबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है जो समानता का उदाहरण पेश करता है. यहां एक मंदिर के पुजारी ने दलित को अपने कंधे पर बैठाकर गर्भगृह में भगवान के दर्शन कराए. उन्होंने कहा कि यह परंपरा है जो कि बराबरी का संदेश देती है. वर्तमान समय में कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते देश का माहौल खराब करने में लगे हैं.
हैदराबादः देश में जहां एक तरफ दलितों पर हो रहे अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं वहीं हैदराबाद से आई ये खबर लोगों को समानता का पाठ पढ़ा रही है. हैदराबाद के श्री रंगनाथ मंदिर के पुजारी जो किया वो वाकई लोगों के लिए मिसाल है. पुजारी रंगराजन ने सोमवार को एक दलित भक्त आदित्य पारासरी को अपने कंधे पर उठाकर मंदिर के दर्शन कराए.
इस घटना के सामने आने के बाद पुजारी रंगराजन की तारीफ हो रही है. वहीं रंगराजन का इस बारे में कहना है कि ‘यह 2700 साल पुरानी एक घटना की ही पुनरावृत्ति है, जिसे मुनि वाहन सेवा के नाम से जानते हैं. इस परंपरा को सनातन धर्म का असली संदेश पहुंचाने और समाज में बराबरी का संदेश के लिए निभाया जाता है.’ उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कई लोग निजी स्वार्थ के चलते देश का माहौल खराब करने में लगे हैं.
दलित को कंधे पर बैठाकर दर्शन कराने को लेकर उन्होंने कहा कि ‘जनवरी महीने में मैं उस्मानिया विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में गया था, जहां इस बात की चर्चा की गई कि किस तरह पिछड़ी जातियों के लोगों को मंदिर में घुसने नहीं दिया जाता.’ वहां मौजूद लोगों ने भी पुजारी का पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया. कई बड़े देवस्थलों के पुजारी और तेलंगाना सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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