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ओडिशा पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू, 2 किमी पैदल चलकर पहुंची भगवान जगन्नाथ के धाम

भुवनेश्वर. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार द्रौपदी मुर्मू अपने गृह राज्य ओडिशा पहुंची है. यहाँ राष्ट्रपति ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए, इस दौरान मुर्मू ने पैदल ही दो किलोमीटर की यात्रा की, वहीं, मंदिर जाते समय श्रद्धालुओं ने रास्ते में राष्ट्रपति का अभिवादन भी किया. In a rare gesture, President Droupadi […]

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ओडिशा पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू, 2 किमी पैदल चलकर पहुंची भगवान जगन्नाथ के धाम
  • November 10, 2022 4:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भुवनेश्वर. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार द्रौपदी मुर्मू अपने गृह राज्य ओडिशा पहुंची है. यहाँ राष्ट्रपति ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए, इस दौरान मुर्मू ने पैदल ही दो किलोमीटर की यात्रा की, वहीं, मंदिर जाते समय श्रद्धालुओं ने रास्ते में राष्ट्रपति का अभिवादन भी किया.

इस समय देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा दौरे पर हैं इस कड़ी में आज जब वह भुवनेश्वर पहुंचीं तो ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने उनका शानदार स्वागत किया, बता दें राष्ट्रपति को उनकी पहली ओडिशा यात्रा पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए पुरी पहुंचीं हैं, इस दौरान उन्होंने लगभग 2 किमी की यात्रा पैदल ही तय की. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे, वो भी उनके साथ पैदल चल रहे थे, दोनों ने ये 2 किमी की यात्रा पैदल ही तय की. इस संबंध में राष्ट्रपति के ट्विटर अकाउंट से वीडियो भी शेयर किया गया है, इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे लोग जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ के नारे लगा रहे हैं.

ओडिशा की ही हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

ओडिशा पहुंचकर राष्ट्रपति ने वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया, बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की ही रहने वाली है, दरअसल, मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में उनका जन्म हुआ था. वह आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं यहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक टीचर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में एक एक सहायक यानी की क्लर्क के पद पर भी नौकरी की. मुर्मू ने नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया, अब राष्ट्रपति बनने के बाद वो पहली बार अपने गृह राज्य पहुंची हैं.

 

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