सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कथित राफेल घोटाले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'राफेल डील इतना बड़ा घोटाला है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसमें ऑफसेट करार के जरिए अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को कमीशन के तौर पर 21,000 करोड़ रुपये मिले.'
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शनिवार को राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि राफेल लड़ाकू विमान का सौदा देश का इतना बड़ा घोटाला है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि ऑफसेट करार के जरिए अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को कमीशन के तौर पर 21,000 करोड़ रुपये मिले. उन्होंने इस डील से जुड़े कमीशन की तुलना 1980 के दशक के बोफोर्स तोप सौदे में दिए गए कमीशन से की.
प्रशांत भूषण ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘राफेल डील इतना बड़ा घोटाला है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. बोफोर्स 64 करोड़ रुपये का घोटाला था जिसमें 4 फीसदी कमीशन दिया गया था. इस घोटाले में कमीशन कम से कम 30 प्रतिशत है. अनिल अंबानी को दिए गए 21,000 करोड़ रुपये महज कमीशन की रकम है, और कुछ नहीं. बीजेपी नीत वाली मोदी सरकार ने इस डील में अनिल अंबानी की कंपनी को तवज्जो देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया. उन्होंने भारतीय वायु सेना को बेबस छोड़ दिया.’
प्रशांत भूषण ने कहा कि भारतीय वायु सेना को 126 विमानों की जरूरत थी. सेना ने किस तरह अपनी जरूरत कम की और नए सौदे से तकनीक वाली उपधारा गायब होने पर सवाल किए. बताते चलें कि पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर अनिल अंबानी की कंपनी को इस डील के तहत करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. रिलायंस समूह ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए बयान जारी किया था, ‘रिलायंस को करोड़ों रूपये का लाभ पहुंचाने के आरोप कल्पना की उपज हैं जिन्हें निहित स्वार्थों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है.’ कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार से जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं. मॉनसून सत्र के दौरान कथित राफेल घोटाले पर संसद में जमकर हंगामा हुआ था.
कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर फिर बोला हमला, कहा- खुद के बुने झूठ के जाल में फंसी मोदी सरकार