RSS Event Highlights: संविधान के प्रति देशभक्ति ही असली राष्ट्रवाद- प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों के वर्ग समापन कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर संबोधन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा संविधान और असहिष्णुता पर बात की. उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है. किसी एक धर्म का देश नहीं.

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RSS Event Highlights: संविधान के प्रति देशभक्ति ही असली राष्ट्रवाद- प्रणब मुखर्जी

Aanchal Pandey

  • June 7, 2018 6:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नागपुर.पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के प्रचारकों के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रवाद पर संबोधन किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्र और राष्ट्रवाद पर बताते हुए कहा कि संविधान के प्रति देशभक्ति ही असली राष्ट्रवाद है. अपने भाषण से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केबी हेडगेवार की जन्मस्थली का जायजा लिया. इसके बाद प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय पहुंचे. यहां ध्वज प्रणाम के दौरान जब संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत तमाम आरएसएस नेता संघ के तरीके से ध्वज प्रणाम कर रहे थे तो प्रणब दा सावधान की मुद्रा में खड़े थे.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के निमंत्रण पर नागपुर पहुंचे हैं. वे बुधवार शाम यहां पहुंचे थे. प्रणब मुखर्जी के ठहरने की व्यवस्था गवर्नर हाऊस में की गई है. उन्होंने बुधवार शाम डिनर मोहन भागवत के साथ किया था. एयरपोर्ट पर उनका आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्वागत किया था. वे संघ के तृतीय वर्ष वर्ग के समापन पर यहां आमंत्रित किए गए हैं.

प्रणब मुखर्जी RSS के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण के समापन में अपने विचार रखने के लिए यहां पहुंचे हैं. संघ के 707 स्वयंसेवक इस साल अपना वर्ग पूरा कर रहे हैं. पूरे देश से संघ के तृतीय वर्ष वर्ग में भाग लेने वालों में आए स्वयंसेवकों में 191 प्रोस्टग्रेजुएट और 375 स्नातक श्रेणी के स्वयंसेवक हैं. अब ये आरएसएस के प्रचारक बन जाएंगे. संघ में प्रचारक बनने के लिए तीन साल का प्रशिक्षण लेना होता है. नागपुर में संघ के तृतीय वर्ष वर्ग में व्यवस्थित प्रशिक्षण के लिए 96 शिक्षक, 39 प्रांत प्रमुख एवं 120 प्रबंधक दिनरात कार्यरत रहे.

बता दें कि कांग्रेस के कुछ नेता प्रणब मुखर्जी के इस दौरे का विरोध कर रहे थे. हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस दौरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. कांग्रेस नेताओं के विरोध पर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि वे इसका जवाब नागपुर से ही देंगे. प्रणब मुखर्जी वर्तमान में कांग्रेस नेता नहीं हैं. उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. 

RSS Event Highlights:

8.30- सिर्फ एक धर्म, एक भाषा भारत की पहचान नहीं है, संविधान से राष्ट्रवाद की भावना बहती है. मुखर्जी ने आगे कहा कि आज लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है, हर रोज हिंसा की खबर सामने आती रहती हैं, हिंसा और गुस्सा को छोड़कर हमे. शांति के रास्ते पर चलना चाहिए.- प्रणब दा

8:28- कई लोगों ने सैकड़ों सालों तक भारत पर शासन किया, फिर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत पर शासन किया. बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी आई. भारत में एक अलग सा ही रंग गहै, भाषा और धर्म से हमारी पहचान होती है. हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई मिलकर ही इस राष्ट्र बनाते हैं.- प्रणब दा

8:23- अगर हम नफरत और भेदभाव करेंगे तो इससे हमारी पहचान को खतरा होगा. प्रणब दा ने आगे कहा कि सहिष्णुता और विविधता हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है. इतिहास में ह्यूनसांग से लेकर फाह्यान तक ने माना कि भारत एक उदार देश है. प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के हवाले से कहा कि राष्ट्रवाद किसी जाति, धर्म और भाषा से बंधा नहीं है.- प्रणब दा

8.35- धन्यवाद, थैंक्यू, जय हिंद, वंदे मातरम के साथ प्रणब मुखर्जी ने अपना भाषण खत्म किया.

-संविधान के प्रति देशभक्ति ही असली राष्ट्रवाद- प्रणब मुखर्जी
-नेहरू ने कहा था सबका साथ जरूरी- प्रणब दा
-सहनशीलता हमारे समाज का आधार है- प्रणब दा
-सिर्फ एक धर्म और एक भाषा भारत की पहचान नहीं- प्रणब दा
-50 साल में मैंने यही सीखा है- प्रणब दा

8.10 प्रणब मुखर्जी का संबोधन शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि मैं यहा राष्ट्र औऱ राष्ट्रवाद समझाने आया हूं. अगर हम भेदभाव करेंगे तो भारत की एकता को खतरा है. भारत खुला हुआ देश है.

7.42- प्रणब दा संघ को देखने समझने आए हैं. हमारी परम्परा है अतिथि बुलाने की लेकिन इस बार विशेष चर्चा हुई. हम प्रणब दा के कृतज्ञ है हमने सहज मन से बुलाया उन्होंने क़बूल किया. संघ संघ है और प्रणब मुखर्जी, प्रणब मुखर्जी इस पर इतनी चर्चा क्यों?

7.40- प्रणब मुखर्जी को कैसे बुलाया, इस पर चर्चा करना व्यर्थ है. हम पहले से ही इस तरह निमंत्रण देते रहे हैं. 

7.35-  संघ प्रमुख मोहन भागवत प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण स्वीकार करने के बारे में कहा कि उन्होंने इसे स्वीकार किया इसके लिए धन्यवाद. उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ही हमारे देश की परंपरा है. भारत की धरती पर जन्मा प्रत्येक व्यक्ति भारत पुत्र है. 

6.45- प्रणब मुखर्जी ने संघ के झंडे को प्रणाम नहीं किया. आरएसएस अपने झंडे को ही गुरू मानता है किसी व्यक्ति को नहीं. ध्वज प्रणाम के दौरान जब संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत तमाम आरएसएस नेता संघ के तरीके से ध्वज प्रणाम कर रहे थे तो प्रणब दा सावधान की मुद्रा में खड़े थे.

6.30- प्रणब मुखर्जी संघ मुख्यालय पहुंच चुके हैं. यहां 7.20 पर उनका भाषण होगा.  

 

लाइव टीवी यहां देखिए….

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