यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई गोरखपुर फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव संपन्न हो गया. दोनों ही सीटों पर मतदान प्रतिशत में बहुत कमी आई है. दोनों सीटों पर सीएम और डिप्टी सीएम की साख दांव पर लगी हुई है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर उप चुनाव संपन्न हो गया. दोनों ही सीटों पर इस बार 2014 के चुनावों के मुकाबले मतदान प्रतिशत काफी गिरा है. गोरखपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र में 47.45 फीसदी वोट पड़े हैं वहीं फूलपुर में 37.39 प्रतिशत मतदान हुआ है. दोनों ही सीटों के लिए सपा और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. फिलहाल सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है.
दोनों सीटों पर रविवार सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान चला और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. हालांकि कुछ बूथों पर ईवीएम खराब होने की शिकायतें आईं जिन्हें तत्काल बदला गया. राज्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, स्वच्छ एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. हालांकि इस बार मतदाताओं में उत्साह की कमी देखी गई जिसके परिणामस्वरूप वोटिंग प्रतिशत कम रहा.
इस बाद दोनों सीटों पर बीएसपी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन चर्चाओं का विषय रहा. मायावती की अगुवाई में बीएसपी ने पहली बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया. इससे पहले कांशीराम और मुलायम सिंह यादव का गठबंधन चर्चाओं में रहा था जो कि 25 साल पहले हुआ था. 5 विधानसभा सीटों वाली फूलपुर लोकसभा बीएसपी और एसपी के नेताओं के वर्चस्व वाली सीट कही जाती रही है. हालांकि अब आगे क्या होना है यह वोट काउंटिंग के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन जिस तरह वोटरों की दिलचस्पी कम हुई है उससे बीजेपी को नुकसान के संकेत माने जा रहे हैं क्योंकि लोकसभा चुनावों के वक्त लोगों ने पूरे उत्साह के साथ वोट किया था जिसमें केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ को भारी जीत मिली थी.
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