दिसपुर : असम के सीएम हिमंत बिस्वा ने सोमवार को कहा कि सामंती मानसिकता वाले गरबी लोगों को भड़का रहे है. भाजपा सरकार प्रदेश में बाल विवाह रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन सांमती मानसिकता वाले लोग उनको भड़का दे रहे है. सीएम बिस्वा ने कहा कि हमारी सरकरा 2026 तक प्रदेश में बाल […]
दिसपुर : असम के सीएम हिमंत बिस्वा ने सोमवार को कहा कि सामंती मानसिकता वाले गरबी लोगों को भड़का रहे है. भाजपा सरकार प्रदेश में बाल विवाह रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन सांमती मानसिकता वाले लोग उनको भड़का दे रहे है. सीएम बिस्वा ने कहा कि हमारी सरकरा 2026 तक प्रदेश में बाल विवाह उन्मूलन के लिए काम कर रही है. हर 2-3 महीनें में सरकार प्रदेश में विशेष अभियान चलाएगी.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगल साल बजट में बाल विवाह से लड़ने के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. इस पैसे में से 50 प्रतिशत हिस्सा अधिवक्ताओं के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. ताकि आरोपियों की सजा सुनिश्चित किया जा सके. सीएम ने कहा सरकरा हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगी जिस पे लोग शिकायत कर सकेंगे.
सीएम ने कहा कि पीड़ित परिवार को मदद मिलेगी और उनको सरकार आवास भी देगी. सीएम ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान एक कानून के तहत चलाया जा रहा है इन्हीं कारणों से अदालत आरोपियों को जमानत नहीं दे रही है.
भारत में अगर शादी की उम्र की बात करे तो पुरूषों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष है. कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने के लिए याचिका पड़ी थी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला संसद के अधिकार क्षेत्र में आने वाला विषय है. पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2020 में लाल किले से अपने संबोधन में कहा था कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का जिक्र किया था.
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