पटना: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासत गरमा गई है. पूर्व सीएम और हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने नीतीश कुमार के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. उनका ये इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गैर भाजपाई पार्टियों को लोकसभा चुनाव के लिए […]
पटना: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासत गरमा गई है. पूर्व सीएम और हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने नीतीश कुमार के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. उनका ये इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गैर भाजपाई पार्टियों को लोकसभा चुनाव के लिए एक करने की कवायद में हैं. बहरहाल प्रदेश में इस समय बयानबाजी का दौर भी जारी है. इसी कड़ी में नीतीश कुमार के आरोपों पर पलटवार किया है.
जेडीयू पर जीतनराम मांझी के जाने का असर दिखाई दे रहा है जहां खुद पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मांझी के खिलाफ बयानबाजी करते नज़र आ रहे हैं. इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मांझी पर बीजेपी के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया और उन्हें भेदिया करार दिया. अब सीएम नीतीश कुमार के इन आरोपों पर मांझी ने पलटवार किया है.
एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, हम गरीब हो सकते हैं लेकिन बईमान नहीं . हम पार्टी प्रमुख ने आगे कहा कि किसने कहा कि हम भाजपा को सब बताते थे. आगे उन्होंने JDU पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी ललन सिंह से बहुत नज़दीकी होगी। उन्होंने ही ये भ्रम उनके मन में डाला होगा. इतना ही नहीं मांझी ने आगे कहा कि ये वही ललन सिंह है जो नीतीश कुमार को गंदी गालियां दिया करते थे और आज उनके करीबी बन गए हैं.
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता और नीतीश सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने मंत्री पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ‘हम’ पार्टी का जनता दल (यूनाइटेड) में विलय करवाना चाहते थे. वे हमारा अस्तित्व खत्म करना चाह रहे थे. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आज यही बात कही है. सीएम नीतीश ने कहा कि उन्होंने खुद मांझी के सामने यह पेशकश की थी कि वे या तो अपनी पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा का जदयू में विलय कर दें या फिर अलग हो जाएं. इसके बाद जीतनराम मांझी ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया.
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