नई दिल्ली: हवा में अवांछित गैसों(Pollution) की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे दमा, सर्दी, अंधापन, श्रवण शक्ति कमज़ोर होना, त्वचा रोग आदि बीमारियाँ पैदा होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा का खतरा बढ़ा है क्योंकि बारिश के पानी में सल्फर डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन […]
नई दिल्ली: हवा में अवांछित गैसों(Pollution) की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे दमा, सर्दी, अंधापन, श्रवण शक्ति कमज़ोर होना, त्वचा रोग आदि बीमारियाँ पैदा होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा का खतरा बढ़ा है क्योंकि बारिश के पानी में सल्फर डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड आदि जहरीली गैसों के घुलने की आशंकाए बढ़ती जा रही है जिससे पेड़-पौधे, भवनों व ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुँचा है।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण(Pollution) के स्तर में उतार चढ़ाव जारी है। प्रदूषण के स्तर में तीन दिनों की गिरावट के बाद मंगलवार को बढोतरी हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बेहद खतराक स्थिति में पहुंच गया है। बीते दिन दिल्ली में एक्यूआई खराब स्तर पर था। आकंड़ों के मुताबिक, आनंद विहार में 340, अशोक विहार में 315, आईटीओ दिल्ली पर 307 और जहांगीरपुरी में 332 एक्यूआई दर्ज हुआ है। मंगलवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने का अनुमान है।
– जीवाश्म ईंधन का जलना
– औद्योगिक उत्सर्जन
– जंगल में जलाए जाने वाली आग
– माइक्रोबियल क्षय प्रक्रिया
– परिवहन
– कचरे को खुले में जलाना
– कृषि संबंधी गतिविधियां
– रासायनिक और सिंथेटिक उत्पादों का उपयोग
वायु प्रदूषण अब विश्व में शीघ्र मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा जोखिम कारण है। 2020 स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट के अनुसार – जो दुनिया भर में वायु प्रदूषण की नवीनतम वैज्ञानिक समझ का सारांश प्रस्तुत करती है- 2019 में 4.5 मिलियन मौतें बाहरी वायु प्रदूषण के जोखिम से जुड़ी थीं और अन्य 2.2 मिलियन मौतें इनडोर वायु प्रदूषण के कारण हुईं। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन और भारत इनसे सम्बंधित बीमारियों से झेल रहे हैं
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