रामचरितमानस से राजनीति पहुंची कमंडल से मंडल तक, राजद ने चंद्रशेखर के बयान का किया समर्थन

पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस से संबंधित विवादित बयान को लेकर राजद के अध्यक्ष जगदानंद ने शिक्षा मंत्री का समर्थन करते हुए, इसे मंडल और कमंडल की राजनीति से जोड़ दिया है। बताते चले चंद्रशेखर नालंदा ओपन विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित कर रहे थे, जहां पर उन्होंने रामचरितमानस के एक […]

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रामचरितमानस से राजनीति पहुंची कमंडल से मंडल तक, राजद ने चंद्रशेखर के बयान का किया समर्थन

SAURABH CHATURVEDI

  • January 14, 2023 12:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस से संबंधित विवादित बयान को लेकर राजद के अध्यक्ष जगदानंद ने शिक्षा मंत्री का समर्थन करते हुए, इसे मंडल और कमंडल की राजनीति से जोड़ दिया है। बताते चले चंद्रशेखर नालंदा ओपन विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित कर रहे थे, जहां पर उन्होंने रामचरितमानस के एक दोहे को पढ़ते हुए इसे समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था।

क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष

रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शु्क्रवार को प्रो चंद्रशेखर की मौजदूगी में ही कह दिया था कि, “पार्टी चंद्रशेखर के साथ पूरी तरह खड़ी है। साथ ही उन्होंने चंद्रशेखर को समाजवादियों की राह पर चलने वाला नेता बताते हुए, उन्हें कमंडलवासियों को मंडलवासियों के विरोध में लड़ने वाला बताया। अध्यक्ष ने दिवंगत शरद यादव के संकल्प को भी याद करते हुए कहा कि कमंडल के सामने मंडल को हराने नहीं दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री का बयान

बता दे चंद्रशेखर बुधवार को पटना में स्थित नालंदा ओपेन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंच थे। जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए, रामचरितमानस के अलावा मनुस्मति और गोलवलकर की किताब को समाज में विभाजन करने और नफरत फैलाने वाली किताब बताया था, साथ ही प्रोफेसर ने रामचरितमानस के कई चौपाई का अर्थ बताते हुए इसे को समाज में बांटने वाला ग्रंथ बताया था।

बयान को लेकर जदयू का एतराज

शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर महागठबंधन एकजुट नहीं है। जहां राजद इसका समर्थन कर रहा है, वहीं जदयू ने इस बयान से किनारा कर लिया है। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहां था कि, ” शिक्षा मंत्री रामचरितमानस के दोहों की गलत व्याख्या कर रहे है। इसके अलावा उन्होंने लोगों की बीच भ्रम फैलाने का काम किया है। बयान से महागठबंधन की छवि धूमिल हो रही है।”

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