भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव का बिगुल बजने वाला है तो दूसरी ओर दतिया स्थित बगलामुखी माता पर एक बार फिर सियासी दिग्गजों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया सोमवार को यहां नजर आए। मां पीताम्बरा प्राकट्य दिवस […]
भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव का बिगुल बजने वाला है तो दूसरी ओर दतिया स्थित बगलामुखी माता पर एक बार फिर सियासी दिग्गजों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया सोमवार को यहां नजर आए। मां पीताम्बरा प्राकट्य दिवस एवं दतिया गौरव दिवस के अवसर पर राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को मां का रथ खींचते हुए देखा गया। आपको बता दें, बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियां यहां सिर झुकाने आती हैं। किसी के मन में मंत्री बनने की ख्वाहिश होती है तो कोई अपनी पार्टी की जीत की कामना करने यहां आता है। मान्यता है कि यहां आकर पूजा-अर्चना व यज्ञ करने वालों की मनोकामना भी पूरी होती है।
➨ ये दिग्गज टेक चुके हैं मत्था
ऐसी अफवाहें हैं कि चुनाव के वक्त यहां नेताओं का तांता लगा रहता है। मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान या राजस्थान की पूर्व CM वसुंधरा राजे सिंधिया से पहले भी दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, उत्तराखंड के बड़े राजनीतिक चेहरे यहां माता के दरबार में हाथ जोड़े नजर आ चुके हैं।
➨ अमित शाह और राहुल गांधी भी आए
बगलामुखी माता के दरबार में किसी एक दल के नहीं बल्कि कई राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे। यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी नजर आए। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के CM योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस भी यहां आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने भी लोकसभा चुनाव से पहले यहां यज्ञ किया था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जगदंबिका पाल ने भी यहां माथा टेका था। इन नेताओं के अलावा अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, अमर सिंह, उमा भारती, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने-अपने समय में यहां मन्नत मांगने पहुंचे हैं।
➨ पिछले प्रधानमंत्रियों ने महायज्ञ किया
अपनी मन्नतों को पूरा करने के अलावा, नेताओं ने जब भी देश में कोई संकट आया, बगलामुखी माता में यज्ञों का आयोजन किया। 1962 के इंडोचाइना युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यहां 51 कुंड महायज्ञ किया था। इसी तरह 1965 के युद्ध के दौरान 1971 का महायज्ञ भी यहां किया गया था।2000 के कारगिल युद्ध के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी देश की रक्षा के लिए बगलामुखी माता मंदिर के प्रांगण में महायज्ञ का आयोजन किया था। पूर्व प्रधानमंत्रियों के बीच इंदिरा गांधी ने भी मां के दरबार में शीश झुकाया था।
➨ पूर्व राष्ट्रपति भी इस पर झुक गए
देश के दो पूर्व राष्ट्रपतियों ने भी बगलामुखी माता के दरबार में आ चुके है। यहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने भी यहां मत्था टेका था। ऐसा भी बताया जाता है कि रामनाथ कोविद ने राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले यहां पूजा भी की थी।
➨ बगलामुखी माता की मान्यता क्या है?
आपको बता दें, बगलामुखी माता को पीताम्बर पीठ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी मान्यताएं महाभारत काल से जोड़कर देखी जाती है। बगलामुखी माता को तंत्र साधना की देवी के रूप में पूरे देश में मान्यता प्राप्त है। ये दस महाविद्याओं में आठवें स्थान पर हैं। इन्हें मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।