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पटना: प्रदर्शन कर रहे BTSC प्रतियोगी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज

पटना। राजधानी पटना में बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। दरअसल बिहार टेक्निकल सर्विसेज के सैकड़ों अभ्यर्थी राजधानी में धरना दे रहे थे। पार्टी दफ्तर का घेराव करना चाहते थे छात्र बता दें कि बिहार टेक्निकल सर्विसेज के सैकड़ों अभ्यर्थी राजधानी पटना में […]

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प्रदर्शन कर रहे BTSC प्रतियोगी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज
  • February 23, 2023 2:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना। राजधानी पटना में बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। दरअसल बिहार टेक्निकल सर्विसेज के सैकड़ों अभ्यर्थी राजधानी में धरना दे रहे थे।

पार्टी दफ्तर का घेराव करना चाहते थे छात्र

बता दें कि बिहार टेक्निकल सर्विसेज के सैकड़ों अभ्यर्थी राजधानी पटना में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। छात्र वीरचंद पटेल पथ स्थित राजनीतिक पार्टियों के दफ्तर का घेराव करना चाहते थे। इसके बाद पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी छात्र घेराव करने के लिए लगातार आगे बढ़ना चाह रहे थे। इसके बाद पुलिस जवान और अभ्यर्थियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

लाठीचार्ज के बाद मजिस्ट्रेट की तैनाती

पुलिस द्वारा अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज करने के बाद वहां का माहौल काफी बिगड़ गया। कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया है। जिला प्रशासन ने वहां पर मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है।

रिजल्ट जारी करने को लेकर प्रदर्शन

बता दें कि बिहार टेक्निकल सर्विसेज के सैकड़ों अभ्यर्थी ये प्रदर्शन बीटीएससी की रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि लंबे समय से वो शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करके सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

हाईकोर्ट में गया था मामला

गौरतलब है कि जूनियर इंजीनियर पद पर 6,379 वैकेंसी निकाली गई थी। पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा पास करने वाले छात्राओं के लिए 40 फीसदी आरक्षण था। इस फैसले पर पटना हाईकोर्ट में याचिका की गई थी, इसमें सरकारी कॉलेज के छात्रों को आरक्षण देने का विरोध किया जा रहा था। लेकिन हाईकोर्ट ने 9 महीने पहले इसको असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था।

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