Delhi-UP में PM10 लेवल 3826 पार, धूल भरी आंधी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली की हवा बेहद खराब रही जहां धूल भरी आंधी ने दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों के लिए दिन में भी रात कर दी. मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिन इसी तरह का मौसम रहने की आशंका जताई है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाके धूल भरी […]

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Delhi-UP में PM10 लेवल 3826 पार, धूल भरी आंधी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

Riya Kumari

  • May 16, 2023 8:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली की हवा बेहद खराब रही जहां धूल भरी आंधी ने दिल्ली और इसके आस पास के इलाकों के लिए दिन में भी रात कर दी. मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिन इसी तरह का मौसम रहने की आशंका जताई है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाके धूल भरी आंधी की चपेट में रहेंगे.

विजिबिलिटी हुई कम

गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली में प्रदूषक पीएम10 खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था. धूलभरी हवा के कारण वायु गुणवत्ता काफी प्रभावित हुई और विजिबिलिटी भी घटी है. IMD के अनुसार आने वाले कुछ समय के लिए दिल्ली और यूपी के कई इलाकों में इसी तरह का मौसम रहेगा. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार जहांगीरपुरी में पीएम10 का स्तर 3826 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था. श्री अरबिंदो मार्ग पर ये 2565 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक रहा. ऐसे में आपके लिए जान लेना जरूरी है कि इस धूल भरी आंधी में क्या करें और क्या ना करें कि आपकी सेहत पर खराब प्रभाव ना पड़े.

क्या करें, क्या ना करें?

एक्सपर्ट्स ने खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दी है. एक्सपर्ट्स की मानें तो धूल के छोटे-छोटे कण विशेष रूप से पीम2.5 प्रदूषक सांस हमारे लिए सबसे ज़्यादा खतरनाक हैं जो सांस के साथ हमारे शरीर में चले जाते हैं. इन कणों से फेफड़ो को भारी नुकसान पहुंचता है और सांस संबंधी दिक्कतों से दो चार होना पड़ता है. इतना ही नहीं ये समस्या आगे चलकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी का रूप भी ले सकती है.

एक्सपर्ट्स की मानें तो इस धूल की वजह से लोगों को ब्रोंकाइटिस, अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं. आँखों में जलन और एलर्जी की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि जब तक गुणवत्ता में सुधार ना हो आप कम से कम घर से बाहर निकलें. इस दौरान अपने नाक और मुंह को कपड़े की मदद से अच्छे से ढके. इस दौरान सरकार को भी सभी तरह की कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.

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