Karnataka Elections: कर्नाटक में पीएम करेंगे ताबड़तोड़ रैलियां, क्या मोदी कराएंगे सत्ता में वापसी ?

बेंगलुरू : कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का जब से ऐलान हुआ राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार कर रही है. भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री के भरोसे कर्नाटक में सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए हुए है. पीएम मोदी कर्नाटक में करीब 20 रैलियों को संबोधित करेंगे. कर्नाटक का विधानसभा चुनाव […]

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Karnataka Elections: कर्नाटक में पीएम करेंगे ताबड़तोड़ रैलियां, क्या मोदी कराएंगे सत्ता में वापसी ?

Vivek Kumar Roy

  • April 2, 2023 6:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरू : कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का जब से ऐलान हुआ राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार कर रही है. भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री के भरोसे कर्नाटक में सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए हुए है. पीएम मोदी कर्नाटक में करीब 20 रैलियों को संबोधित करेंगे. कर्नाटक का विधानसभा चुनाव एक चरण में होगा. 10 मार्च को कर्नाटक में मतदान होगा और 13 मार्च को वोटों की गिनती होगी. बीजेपी का अधिकतर जोर कांग्रेस और जेडीएस के गढ़ में रहेगा.

मोदी के भरोसे कर्नाटक में बीजेपी

कर्नाटक में मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और सीएम बसवराज बोम्मई हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी का जादू ही चुनाव में जीत दिलाने में मदद कर सकता है. बीजेपी ने कर्नाटक को छह भागों में विभाजित किया है ताकि चुनाव में रणनीति बनाने में सहूलियत हो. हर भाग पीएम मोदी तीन रैलियों को संबोधित करेंगे. कांग्रेस और जेडीएस के गढ़ में पीएम मोदी की ज्यादा रैलियां हो सकती है. पीएम मोदी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के क्षेत्र में ज्याजा रैलियां कर सकते है क्योंकि पिछली बार यहां पर बीजेपी को कुछ ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई थी.

विपक्ष बसवराज पर लगा रहा भष्ट्राचार का आरोप

कर्नाटक में विपक्ष में कांग्रेस है वे लगातार बसवराज की सरकार पर हमलावर है. भष्ट्राचार पर विपक्ष लगातार भाजपा को घेर रहा है. बसवराज को घिरता देख बीजेपी पीएम मोदी को आगे करना चाहती है ताकि लोग पीएम को देखकर वोट दे. विधानसभा चुनाव के ऐलान के पहले ही पीएम ने कर्नाटक में 7 रैली कर चुके है. राजनीतिक विश्लेषक कर्नाटक चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल मान रहे है क्योंकि दक्षिण भारत में सिर्फ भाजपा की कर्नाटक में ही सरकार है. भाजपा हमेशा कांग्रेस को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरते रहती है.

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