Plastic की खराब बोतलों से बनाई गई जैकेट पहनकर संसद पहुंचे पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के लिए संसद पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी के पहनावे को लेकर खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने इस दौरान जो जैकेट पहनी वो प्लास्टिक की खराब बोतलों को रिसाइकिल करके बनाई गई है। इसे सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया […]

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Plastic की खराब बोतलों से बनाई गई जैकेट पहनकर संसद पहुंचे पीएम मोदी

Vikas Rana

  • February 8, 2023 1:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के लिए संसद पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी के पहनावे को लेकर खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने इस दौरान जो जैकेट पहनी वो प्लास्टिक की खराब बोतलों को रिसाइकिल करके बनाई गई है। इसे सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पीएम मोदी को भेंट की थी। कंपनी ने इसी तरह से प्लास्टिक की खराब बोतलों से ड्रेस बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है।

बता दे, इस जैकेट को तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने तैयार किया है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर ने दावा किया है कि उन्होंने इंडियन ऑयल को PET बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है। कंपनी ने दावा किया इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बोतल का इस्तेमाल होता है। एक पूरी यूनिफॉर्म बनाने में औसतन 28 बोतल का प्रयोग होता है।

इंडियन ऑयल का बयान

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की योजना बनाई है। रिसाइकिल होने वाली इन बोतलों से कपड़े बनाए जाएंगे। ट्रायल के तौर पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों ने जैकेट तैयार की थी जिसे पीएम मोदी को भेंट किया गया है।
कॉरपोरेशन के मुतबिक उन्हें एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बोतल को रिसाइकिल किया जाता है। कंपनी की योजना हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। बता दें, कॉटन को कलर करने में भआरी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जात है। जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का इस्तेमाल नहीं होता है।
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