बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 9 अप्रैल को कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व गए थे। प्रधानमंत्री रिजर्व में सफारी पर भी गए। लेकिन टाइगर रिजर्व में उन्हें बाघ दिखाई नहीं दिया। कुछ भाजपा नेताओं और वन विभाग के अधिकारियों ने गाड़ी के ड्राइवर को दोषी ठहराया। वहीं उन्होंने ड्राइवर मधुसूदन के खिलाफ एक्शन लेने की […]
बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 9 अप्रैल को कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व गए थे। प्रधानमंत्री रिजर्व में सफारी पर भी गए। लेकिन टाइगर रिजर्व में उन्हें बाघ दिखाई नहीं दिया। कुछ भाजपा नेताओं और वन विभाग के अधिकारियों ने गाड़ी के ड्राइवर को दोषी ठहराया। वहीं उन्होंने ड्राइवर मधुसूदन के खिलाफ एक्शन लेने की भी मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, प्रोजेक्ट टाइगर की 50 साल पूरे हो गए है। इसी मौके पर प्रधानमंत्री मोदी बांदीपुर टाइगर रिजर्व में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। इसके बाद वह जंगल सफारी पर चले गए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ देखने में नाकाम रहे। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी को हाथी जरूर देखने को मिले। इसके साथ ही उन्हें कुछ गौर, चित्तीदार हिरण और सांभर भी नज़र आए।
बता दें, प्रधानमंत्री मोदी बाघ को नहीं देख पा रहे थे, इसके पीछे की वजह उनके सुरक्षाकर्मियों बताए जा रहे थे। दरअसल, प्रधानमंत्री के दौरे से पहले सुरक्षा जांच की जाती है। सभी रास्ते पहले से ही तय किए जाते हैं। खबर के मुताबिक, पांच दिन पहले ही मुख्यमंत्री के सुरक्षा गार्ड बांदीपुर टाइगर रिजर्व में मौजूद थे।SPG, स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा दल पांच दिनों तक एक ही रास्ते पर कई बार सफारी पर गए। सुरक्षा जांच को लेकर SPG की टीम ने टाइगर की तस्वीरें भी ली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा गार्डों द्वारा लगातार सुरक्षा अभ्यास के चलते उस रास्ते पर टाइगर नजर नहीं आया। लगातार हुई ड्रिल और गाड़ियों की आवाजाही के चलते टाइगर सुरक्षित जगह पर चले गए। यही वजह थी कि 9 अप्रैल को PM नरेंद्र मोदी की सफारी के दौरान एक भी बाघ नहीं देखा गया।
खबर है क़ी बांदीपुर टाइगर रिजर्व में आए प्रधानमंत्री मोदी को कथित तौर पर बाघ न देख पाने पर अपने सुरक्षा गार्डों से मजाक करते हुए भी देखा गया था। प्रधान मंत्री मोदी ने SPG सुरक्षा गार्डों से मजाक में कहा कि उनकी सुरक्षा ड्रिल की वजह से बाघ चला गया था और वह इसे देख नहीं पा रहे थे, यह भी कहा गया था कि वह प्रधानमंत्री को बाघ दिखाने के लिए दूसरे रास्ते पर जाने की बात कर रहे हैं। लेकिन SPG ने तय रूट पर जाने से इनकार कर दिया।