Manoj Jha Attacks PK: : पीके का ‘जन सुराज’ एक घिसी-पिटी पटकथा, राजद के सांसद का बड़ा हमला

  पटनाः प्रशांत किशोर (पीके) बिहार में जन सुराज कार्यक्रम के तहत पैदल मार्च कर रहे हैं। कार्यक्रम के माध्यम से वह जनसंपर्क के साथ-साथ बिहार के समस्याओं को भी उठा रहे हैं। पीके के जन सुराज कार्यक्रम से सत्ताधारी दलों में सुगबुगाहट बढ़ रही है। राजद सांसद का बड़ा हमला जन सुराज कार्यक्रम पर […]

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Manoj Jha Attacks PK: : पीके का ‘जन सुराज’ एक घिसी-पिटी पटकथा, राजद के सांसद का बड़ा हमला

Satyam Kumar

  • October 4, 2022 9:47 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

पटनाः प्रशांत किशोर (पीके) बिहार में जन सुराज कार्यक्रम के तहत पैदल मार्च कर रहे हैं। कार्यक्रम के माध्यम से वह जनसंपर्क के साथ-साथ बिहार के समस्याओं को भी उठा रहे हैं। पीके के जन सुराज कार्यक्रम से सत्ताधारी दलों में सुगबुगाहट बढ़ रही है।

राजद सांसद का बड़ा हमला

जन सुराज कार्यक्रम पर राजद ने प्रतिक्रिया दी है। राजद नेता एवं सांसद मनोज झा ने सोमवार (3 अक्टूबर) को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर बड़ा निशाना साधते हुए कहा है, कि 1990 के बाद से बिहार में कुछ भी नहीं बदला है। और वहीं बिहार में एक राजनीतिक रणनीतिकार महत्वहीन मुद्दों को उठा रहे हैं।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा

राज्यसभा सांसद झा ने कहा कि रणनीतिकार को बिहार के लिए विशेष दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए। साथ ही वह अपने यात्रा के दौरान केन्द्र सरकार विशेष राज्य पर रवैये को लोगों तक पहुंचाएंगे। जबकि वह उन मुद्दों पर बात करते दिखाई पड़ रहे हैं जो महत्वपूर्ण नहीं हैं। अपने वक्तव्य को बढ़ाते हुए सांसद ने कहा कि प्रशांत किशोर की पटकथा को समझने के लिए किसी रॉकेट साइंस को पढ़ने की जरूरत नहीं है।

मनोज झा की चेतावनी

मनोज झा ने प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार को समझने के लिए आपको पहले इसके समस्या का विश्लेषण करना होगा। उन्होंने कहा कि जब झारखंड बिहार से अलग हुआ, तो उसके बाद बिहार को क्या मिला? झारखंड के रहते बिहार में उद्योग की नींव मजबूत थी। वहीं झारखंड के अलग होने के बाद केन्द्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया? और विशेष राज्य संभव नहीं था, तो इससे अलग एक विशेष पैकेज क्यों नहीं दिया गया?

प्रशांत ने कहा बढ़ा पलायन

पीके ने रविवार (2 अक्टूबर) को पश्चिमी चंपारण जिले से अपनी राज्यव्यापी जन सुराज नामक पदयात्रा शुरू की है। इस दौरान पीके ने बिहार पर शासन करने वाले सभी राजनीतिक दलों को निशाने पड़ लिया है। पीके ने बताया कि राज्य में 1990 के बाद से कुछ नहीं बदला है। बिहार के लोगों को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए बाध्य हैं। 1990 में बिहार सबसे गरीब और सबसे पिछड़ा था, और 2022 में भी उसी जगह पर है।

 

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