उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम आ चुके हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के नागेंद्र पटेल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कौशलेंद्र पटेल को 59613 वोटों से हराया. सपा अध्यक्ष इस जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायवती को भी दे रहे हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर सीट से करीब 3 लाख वोटों के अंतर से जीते थे. अब उसी सीट पर समाजवादी पार्टी ने सेंध लगा दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनावी नतीजों से बेहद हैरान हैं. बीजेपी परिणामों की समीक्षा की बात कह रही है.
फूलपुरः उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम आ चुके हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से यह सीट छीन ली हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं को तो दिया ही साथ ही उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो और बसपा कार्यकर्ताओं को भी चुनाव में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. फूलपुर से सपा उम्मीदवार नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने बीजेपी के कौशलेंद्र पटेल को 59613 वोटों से मात दी. तमाम विपक्षी दल इस जीत के लिए सपा और बसपा को बधाई दे रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव और मायावती को बधाई देते हुए इसे ‘बीजेपी के अंत की शुरूआत’ बताया. 2014 आम चुनाव में इस सीट पर करीब 3 लाख वोटों से जीतने वाले केशव प्रसाद मौर्य आखिर कैसे पार्टी की जीत को बरकरार नहीं रख पाए यह बीजेपी आलाकमान के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
दरअसल सपा उम्मीदवार के ऐलान के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला किया. माना गया कि 25 साल की दुश्मनी अब खत्म होने के कगार पर है. यह मुलायम-कांशीराम की नहीं बल्कि अखिलेश-मायावती की सपा-बसपा है. हालांकि मायावती ने इसे महज चुनावी डील करार दिया. सपा-बसपा के साथ आने से दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला. दूसरी ओर बसपा का वोट बैंक सीधे-सीधे सपा के खाते में ट्रांसफर हो गया. सपा खुद भी यह मान रही है कि बसपा ने बड़ी कामयाबी के साथ सपा प्रत्याशी को अपने वोट ट्रांसफर कराए हैं.
दूसरी ओर केशव प्रसाद मौर्य के सांसद रहते हुए संसदीय क्षेत्र की नजरअंदाजी से भी लोग नाराज थे. डिप्टी सीएम मौर्य ने बीजेपी के पिछड़ने के लिए बसपा के वोटों का एसपी को ट्रांसफर होने को जिम्मेदार बताया. केशव मौर्य ने कहा, ‘अंतिम परिणामों के बाद हम विश्लेषण करेंगे और हम भविष्य में ऐसी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी करेंगे, जबकि सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ सकते हैं.’ साफ है कि डिप्टी सीएम का इशारा 2019 लोकसभा चुनाव के लिए था. कुल मिलाकर 2014 की तुलना में बीजेपी के लिए यह बड़ी हार है और सपा-बसपा की यह जीत दोनों के बीच 2019 में गठबंधन की संभावनाओं को मजबूत कर रही है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने सपा और बसपा के साथ गठबंधन नहीं किया था, ऐसे में अगर 2019 आम चुनाव में वह भी महागठबंधन का हिस्सा बनती है तो बीजेपी को विपक्ष कड़ी टक्कर देने की स्थिति में होगा.