पेट्रोल पिछले 4 साल में सबसे महंगे स्तर पर पहुंच गया है. वहीं डीजल की कीमत भी इस समय सर्वाधिक स्तर पर हैं. माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम अभी और बढ़ सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पेट्रोल 83 रुपये तो डीजल 74 रुपये के करीब पहुंच सकता है.
नई दिल्लीः कच्चे तेल के दामों में उछाल के चलते भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि यह कीमतें अपने चरम पर हैं तो आप गलत हैं. दरअसल आने वाले दिनों में आम आदमी को कोई राहत नहीं मिलने वाली है इसके उलट पेट्रोल-डीजल के दाम अभी और बढ़ने की आशंका है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कच्चे तेल के दाम बढ़ने के चलते ऐसा अनुमान जताया जा रहा है. जून 2017 के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रविवार को पेट्रोल चार साल में सबसे महंगा हो गया जबकि डीजल के भाव अभी तक कीमतों में सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गए हैं.
तेल कंपनियां जून 2017 से हर रोज तेल की कीमतों की समीक्षा करती हैं. इंडियन बॉस्केट में क्रूड के भाव पिछले महीने औसतन 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहे थे. अंदेशा जताया जा रहा है कि अभी इसके दाम 12 फीसदी तक और बढ़ सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में पेट्रोल करीब 83 रुपये प्रति लीटर और डीजल करीब 74 रुपये पर पहुंच जाएगा. बताते चलें कि तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी हुई हैं, अगर बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी प्रभावित होती हैं.
गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला टैक्स भी इनकी कीमतों को प्रभावित करता है. इनपर लगने वाला टैक्स इसकी असल कीमत से कहीं ज्यादा होता है. सामान्य भाषा में समझाए तो अगर एक लीटर तेल की कीमत 35 रुपये है तो इसपर डीलर कमीशन, इस कीमत पर 27 फीसदी वैट (करीब 15 रुपये) और 22 रुपये के तकरीबन एक्साइड ड्यूटी लगती है. यानी कुल टैक्स का 60 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी होगी. इस तरह से 35 रुपये लीटर आने वाला तेल 70 रुपये के पार चला जाता है. इस साल की शुरुआत में तेल मंत्रालय जनता को राहत देने की बात कहते हुए केंद्र सरकार से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग कर चुका है.
ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच एक्साइज ड्यूटी में 9 बार बढ़ोत्तरी की. अक्टूबर 2017 में जेटली ने 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी. तेल की कीमतों पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को वैट में कटौती करने के लिए कहा था. जिसके बाद केवल चार राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने वैट घटाया था.
1 अप्रैल 2018 से दिल्ली में मिलेगा BS-VI पेट्रोल और डीजल, जानलेवा प्रदूषण में आएगी कमी