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बिहार वाले जमीन सर्वे के लिए जुटा लें ये 8 दस्तावेज, नहीं तो होगी बड़ी परेशानी

पटना: बिहार में इस समय बड़े पैमाने पर भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में जमीन के मालिकों को उनकी संपत्ति के दस्तावेजों को सही ढंग से सौंपना है। इस प्रक्रिया के तहत जमीन के असली मालिकों के नाम पर जमीन के दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। इसके लिए रैयतों को अपनी ज़मीन […]

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Bihar land Survey, Cm Nitish Kumar
  • August 30, 2024 7:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

पटना: बिहार में इस समय बड़े पैमाने पर भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य में जमीन के मालिकों को उनकी संपत्ति के दस्तावेजों को सही ढंग से सौंपना है। इस प्रक्रिया के तहत जमीन के असली मालिकों के नाम पर जमीन के दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। इसके लिए रैयतों को अपनी ज़मीन का दावा करने के लिए ज़रूरी कागजात प्रस्तुत करने होंगे। जब सर्वेयर आपकी जमीन पर सर्वेक्षण करने आएंगे, तो आपको इन सभी दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा। सर्वेयर द्वारा दस्तावेजों की जांच और संतुष्टि के बाद 15 दिनों के भीतर जमीन को आपके नाम पर दर्ज कर दिया जाएगा। हालांकि, अगर किसी दस्तावेज में खामी पाई जाती है, तो दोबारा कागजात मांगे जाएंगे और प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

Bihar Land Survey

सर्वेक्षण का उद्देश्य

इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भूमि की सटीक जानकारी को इकट्ठा करना है, जिससे भविष्य में राज्य सरकार को जमीन अधिग्रहण में कोई दिक्कत न हो। सरकार का यह सर्वे उन लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है जो बिहार से बाहर रहते हैं और जिनकी पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कागजात के आधार पर नहीं हुआ है। ऐसे रैयतों को जमीन पर दावा पेश करने के लिए लिखित सहमति पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो परिवार के सदस्यों द्वारा सहमति के साथ बंटवारे के प्रमाण के रूप में होगा।

Bihar Land Survey Documents

सर्वेक्षण के दौरान जरूरी दस्तावेज

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस सर्वेक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की एक गाइडलाइन जारी की है।

1. जमीन की रसीद।
2. जमीन से संबंधित कागजात, जैसे खतियान और डीड।
3. वंशावली या वंश-क्रम
4. जमीन की जमाबंदी के नाम पर दर्ज व्यक्ति की मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र।
5. अगर जमीन का बंटवारा हुआ है, तो 100 रुपये के स्टांप पेपर पर बंटवारे की जानकारी।
6. सभी हिस्सेदारों का आधार कार्ड।
7. बंटवारे के लिए सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति।
8. सभी हिस्सेदारों द्वारा एसडीएम कार्यालय से जारी किया गया शपथ पत्र।

बिहार सरकार की वेबसाइट

जो लोग बिहार से बाहर रह रहे हैं और जिनके पास जमीन की रजिस्ट्री तो है लेकिन म्यूटेशन नहीं कराया गया है, उन लोगों के लिए य सर्वे चिंता का विषय है। इसलिए ऐसे लोग पुरानी जमीन की रसीद के माध्यम से अपने दावे की पुष्टि कर सकते हैं। इसके अलावा, वे बिहार सरकार की वेबसाइट land.bihar.gov.in पर जाकर जमीन से संबंधित दस्तावेज और जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही, सर्वे ट्रैकर नामक मोबाइल ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं, जिससे उन्हें सर्वेक्षण से संबंधित अपडेट मिलते रहेंगे। बता दें, सरकार के इस सर्वेक्षण के तहत राज्य में भूमि का सही और स्पष्ट रिकॉर्ड तैयार होगा, जो भविष्य में किसी भी कानूनी या प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने में मददगार साबित होगा।

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