पटना : बिहार में इस समय छात्रों के लिए बहार है. बिहार लोक सेवा आयोग ने एक लाख से अधिक शिक्षक भर्ती के लिए छात्रों से आवेदन मांगा है लेकिन कोई भर्ती आए और उसपर बवाल न हो ये तो संभव नहीं है. बिहार के युवा नई डोमिसाइल नीति का विरोध कर रहे है. जब शुरूआत में भर्ती आई थी तो इस भर्ती में सिर्फ बिहार के ही निवासी आवेदन कर सकते थे लेकिन बाद में बिहार लोक सेवा आयोग ने डोमिसाइल नीति में बदलाव किया और कहा कि सभी राज्य के छात्र आवेदन कर सकते है. इसी मुद्दे पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने डोमिसाइल नीति में बदलाव कर के बिहार के युवाओं से मौका छीन लिया. अब यूपी, मध्यप्रदेश और दूसरे राज्यों के युवा बिहार में नौकरी करेंगे और बिहार के युवा दूसरे राज्यों मजदूरी करेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में पूरी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. जब से नीतीश कुमार सीएम बने है बिहार में शिक्षा व्यवस्था का स्तर लगातार गिर रहा है. खराब शिक्षा व्यवस्था का असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ता है. खराब शिक्षा व्यवस्था की वजह से हर सेक्टर प्रभावित होता है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा पर 40 हजार करोड़ रूपये खर्च करती है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री और नौकरशाह लगातार शिक्षा व्यवस्था का गुणगान करते रहते है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है.
मौजूदा समय में प्रशांत किशोर पूरे बिहार के दौरे पर है. हर जिले में जाकर प्रशांत किशोर कह रहे है कि अगर आप लोग गलत लोगों को वोट देंगे तो आने वाले समय में आप के बच्चों को दिक्कत होगी. प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 में बीजेपी और 2020 में आरजेडी ने बिहार के शिक्षकों के साथ धोखा किया. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार में आएंगे तो सब ठीक कर देंगे लेकिन शिक्षकों के लिए कुछ नहीं कर पाए. मौजूदा समय में वे सरकार में है और उन्हीं के पार्टी के शिक्षा मंत्री भी है.