जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है. इस बीच खबरें मिल रही हैं कि सूबे में सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. इस बार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) कांग्रेस के साथ जाने पर विचार कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस नेताओं के बीच सरकार बनाने को बातचीत जारी है. कांग्रेस ने 3 जुलाई को इसी सिलसिले में मीटिंग बुलाई है.
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से नाता तोड़ने के बाद राज्यपाल शासन लगा हुआ है. सूबे की कमान फिलहाल गवर्नर एन.एन. वोहरा के हाथों में है. इस बीच खबर मिल रही है कि राज्य में सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. दरअसल सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए पीडीपी और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है. सूत्रों की मानें तो पीडीपी और कांग्रेस राज्य में एक बार फिर गठबंधन सरकार बनाने पर विचार कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच सरकार बनाने के लिए चर्चा जारी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने इसी कड़ी में श्रीनगर में 3 जुलाई को एक अहम बैठक बुलाई है. इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता, सभी विधायक, एमएलसी के साथ पूर्व मंत्रियों और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी शामिल होंगे. इस मीटिंग में सरकार बनाने को लेकर चर्चा हो सकती है.
बता दें कि 87 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के 28 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 12 सीटें हैं. ऐसे में पीडीपी और कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 4 और विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. अगर सीपीआई (एम) का एक विधायक, पीडीएफ का एक विधायक और दो निर्दलीय विधायक उन्हें समर्थन दे देते हैं तो ऐसा मुमकिन हो सकता है. राज्य विधानसभा में बीजेपी के पास 25 सीटें हैं तो 15 सीटों पर उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस का कब्जा है.
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