जयपुर : पूरा मामला राजस्थान के बांसवाड़ा से सामने आया है जहां बीच राह में मरीज को ले जा रही एंबुलेंस का डीजल ख़त्म हो गया. इस कारण मरीज सही समय पर अस्पताल नहीं पहुँच पाया और उसने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. मामले का एक वीडियो भी सामने आ रहा है जिसमें […]
जयपुर : पूरा मामला राजस्थान के बांसवाड़ा से सामने आया है जहां बीच राह में मरीज को ले जा रही एंबुलेंस का डीजल ख़त्म हो गया. इस कारण मरीज सही समय पर अस्पताल नहीं पहुँच पाया और उसने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. मामले का एक वीडियो भी सामने आ रहा है जिसमें मरीज का परिवार और बाकि लोग धक्का मारकर एंबुलेंस को फिर चलाने का प्रयास कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार बांसवाड़ा के रहने वाले व्यक्ति की तबियत बेहद ख़राब हो गई थी. जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने 108 पर कॉल कर एंबुलेंस बुलाई. महज कुछ ही देर बार एम्बुलेंस मरीज तक पहुँच भी गई. लेकिन जैसे ही एम्बुलेंस मरीज को लेकर अस्पताल की ओर रवाना हुई तो बीच रास्ते में ही वो बंद पड़ गई. ड्राइवर ने देखा तो पाया कि एम्बुलेंस का ईंधन (डीजल) ख़त्म हो गया है. मौजूद अटेंडरों ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए एंबुलेंस को धक्का मारकर उसे चलाने का भी प्रयास किया. लेकिन बंद पड़ी एम्बुलेंस के आगे कोई धक्का काम ना आया. इस बीच मरीज की हालत और भी गंभीर हो गई.
जैसे -तैसे मरीज के परिवार के कुछ सदस्य उसे जिला अस्पताल तक ले गए. लेकिन ता तक देर हो चुकी थी और मरीज की जान जा चुकी थी. परिजनों का कहना है कि सरकार की लापरवाही के कारण उनके परिवार के सदस्य की जान चली गई है. कैबिनेट मंत्री पीएस खाचरियावास का इस मामले को लेकर कहना है कि यदि एंबुलेंस में ईंधन की कमी के कारण किसी मरीज की मौत की घटना होती है तो यह प्रबंधन की विफलता है. इसमें सिस्टम का कोई दोष नहीं है क्योंकि सरकार ने निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है. उन्होंने आगे आश्वासन दिया है कि मामले में जिम्मेदार लोगों पर सख्त करवाई की जाएगी.
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