नई दिल्लीः पंखुड़ी पाठक समाजवादी पार्टी (सपा) की चर्चित युवा नेता हैं. वह टीम अखिलेश में शामिल हैं और वर्तमान में सपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. पंखुड़ी अक्सर न्यूज चैनलों पर होने वाली डिबेट में सपा की ओर से शामिल होती हैं और प्रबल तरीके से पार्टी का पक्ष रखती हैं. राजनीति में अपने तेज तर्रार अंदाज की वजह से ही आज वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की कोर टीम का अहम हिस्सा मानी जाती हैं. छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली पंखुड़ी पाठक का कोई राजनैतिक बैकग्राउंड नहीं है, इसके बावजूद आज वह राष्ट्रीय राजनीति में सपा का बेहद चर्चित चेहरा हैं.
पंखुड़ी पाठक का जन्म 1992 में दिल्ली में हुआ था. उनके पिता जे.सी. पाठक और मां आरती पाठक डॉक्टर हैं. उनका छोटा भाई चिराग पाठक ग्रेजुएशन कर रहा है.
पंखुड़ी लॉ स्टूडेंट हैं और वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज की स्टूडेंट रह चुकी हैं. छात्र राजनीति में वह साल 2010 में जॉइंट सेक्रेटरी का चुनाव भी जीत चुकी हैं.
पंखुड़ी छात्र राजनीति में समाजवादी पार्टी के छात्र संगठन (समाजवादी छात्र सभा) से जुड़ीं. दिल्ली के छात्रसंघ चुनाव में पंखुड़ी ने सपा को मजबूत किया. साल 2013 में उन्हें लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया.
पंखुड़ी कहती हैं कि वह समाजवाद में विश्वास रखती हैं. वह अखिलेश यादव और डिंपल यादव से काफी प्रभावित हैं.
राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहने के साथ-साथ पंखुड़ी पाठक दिल्ली की छात्र राजनीति में भी काफी सक्रिय रहती हैं.
पंखुड़ी पाठक सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. फेसबुक, ट्विटर पर उनके हजारों फॉलोवर्स हैं. वह अक्सर अपने चुटीले तंज से विरोधियों पर कटाक्ष करती रहती हैं.
मोदी सरकार के मंत्रियों से लेकर कई विपक्षी दलों (बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी) के सांसद और विधायक पंखुड़ी को ट्विटर पर फॉलो करते हैं.
साल 2017 में पंखुड़ी पाठक को सोशल मीडिया पर एक शख्स ने रेप करने की धमकी दी थी. जिसका उन्होंने और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर विरोध किया और सोशल मीडिया की मदद से ही आरोपी को पकड़वाया.
पंखुड़ी को समाजवादी पार्टी की कोर टीम में शामिल करने के पीछे सपा मुखिया अखिलेश यादव का उद्देश्य युवाओं को बढ़ावा देना है.
टिकट देने की बात हो या फिर युवाओं को मौका, अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद देखा गया है कि वह हर क्षेत्र में युवाओं को तरजीह देते नजर आते हैं. पंखुड़ी पाठक की काबिलियत को देखते हुए उन्हें सपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाना शायद अखिलेश की इसी कोशिश का एक हिस्सा हैं.
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