नई दिल्ली: केरल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पिछले महीने यानी 17, 18 और 29 अक्टूबर को मलप्पुरम जिले के अनाकल्लू गांव की जमीन से धमाकों की आवाज सुनी गई थी. जिसके बाद लोग हैरान रह गए. उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत प्रशासन और सरकार से की. इसके बाद से केरल आपदा प्रबंधन के वैज्ञानिक, जिला प्रशासन के जियोलॉजिस्ट, भूजल विभाग के जियोलॉजिस्ट और जिला खतरा विश्लेषक इसकी जांच कर रहे हैं। अब इन धमाकों की आवाज का कारण पता चल गया है.
इस घटना को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि डरने की कोई बात नहीं है. यह एक प्राकृतिक घटना है. जमीन के नीचे पत्थरों के बीच घर्षण, टकराव और टूट-फूट होती रहती है. इस वजह से ऐसी आवाजें आती रहती हैं. कभी-कभी कंपन भी महसूस होता है. कई बार अंडरग्राउंड वाटर सूखने के कारण भी ऐसा होता है. इससे पहले ऐसी घटना झारखंड की राजधानी रांची में हुई थी. तब म्यांमार में आये भूकंप के कारण रांची के ट्यूबवेल बंद हो गये थे. इस दौरान जब हवा का दबाव छोड़ा गया तो लोगों को धमाके की आवाज सुनाई दी.
सतह के नीचे पत्थरों के खिसकने से लोगों के ट्यूबवेल विस्थापित हो गये हैं. इसकी वजह से उनमें मौजूद हवा का दबाव विस्फोट के रूप में बाहर आया है. केरल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि इन धमाकों से जो इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, वे कमजोर और पुरानी थीं. जांच के बाद इन भवनों की मरम्मत कराई जाएगी। इस बीच अनाकल्लू गांव से 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. दरअसल, 29 अक्टूबर को अनाकल्लू गांव में रात 9:15 बजे, 10:15 बजे और 11:45 बजे हल्के झटके महसूस किए गए थे. इसके बाद धमाके की आवाज भी सुनी गई. इसके बाद लोगों को कंपन भी महसूस हुआ. जिससे लोग डर गये.
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