उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक जाति पंचायत ने 12 परिवारों का बहिष्कार करने का फरमान सुना दिया पंचायत का कहना है कि ये परिवार नियमित रूप से चर्च जाते थे और ये ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए थे. हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच में पता लगा है कि किसी भी परिवार ने धर्म परिवर्तन नहीं कराया है.
मुरादाबादः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक जाति पंचायत ने 12 परिवारों के चर्च जाने पर उनका सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुना दिया है. ऐसा कहा जा है कि नगर के नवाबपुरा मोहल्ला निवासी सैनी समुदाय के 12 परिवारों को इसलिए ये सजा दी गई है क्योंकि वे कथित तौर पर ईसाई धर्म में कन्वर्ट हुए और रोजाना चर्च जाते थे. जबकि इन 12 परिवारों का कहना है कि उन्होंने कोई धर्मांतरण नहीं कराया है, वे केवल स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए चर्च जाते थे.
वहीं पुलिस का इस मामले पर कहना है कि जांच में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया जिससे ये कहा जाए कि परिवारों ने धर्म परिवर्तन किया है उन्होंने कहा कि सामाजिक बहिष्कार का आदेश पंचायत ने गलत जानकारी के चलते दिया है. बता दें कि पंचायत ने करीब 300 ताकतवर सैनी समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों ने परिवारों के बहिष्कार का फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि इन परिवारों से कोई भी संबंध नहीं रखेगा और ना ही कोई दुकानदार उन्हें सामान बेचेगा. साथ ही पंचायत ने फरमान सुनाया कि जो भी फैसला नहीं मानेगा उसे 5,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा.
बैठक आयोजित कराने वाले शिव लाल सैनी का कहना है कि हमें करीब एक महीने से सूचना मिल रही थी कि 12 परिवार नियमित रूप से चर्च जा रहे थे. समुदाय के लोगों का मानना है कि इन परिवार के लोगों ने धर्म परिवरर्तन कर लिया. पंचायत का कहना है कि परिवार ने उनके सामने धर्मांतरण की बात मानी. वहीं बहिष्कृत परिवारों में से एक के सदस्य की पत्नी ने कहा कि मेरी पत्नी केवल चर्च जाकर प्रार्थना करती थी. पंचायत के फैसले के बाद मैंने उसे जाने से मना कर दिया जिसके बाद से मेरी पत्नी चर्च नहीं गई.
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