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पल्लवी पटेल ने किया स्वामी प्रसाद का समर्थन, कहा पीछे रह जाएंगे मंदिर

लखनऊ: ज्ञानवापी मंदिर बनाम मस्जिद के मुद्दे पर इस समय जमकर बयानबाजी हो रही है. यूपी की राजनीति में ये मामला छाया हुआ है जिसपर हाई कोर्ट का फैसला आना बाकि है. दूसरी ओर कई सियासी दलों के बड़े नेता लगातार इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने […]

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पल्लवी पटेल ने किया स्वामी प्रसाद का समर्थन, कहा पीछे रह जाएंगे मंदिर
  • July 31, 2023 5:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ: ज्ञानवापी मंदिर बनाम मस्जिद के मुद्दे पर इस समय जमकर बयानबाजी हो रही है. यूपी की राजनीति में ये मामला छाया हुआ है जिसपर हाई कोर्ट का फैसला आना बाकि है. दूसरी ओर कई सियासी दलों के बड़े नेता लगातार इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी जिससे ज्ञानवापी मामले की बहस कोई नया मोड़ मिल गया है.

क्या बोलीं नेत्री?

सीएम और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने भी ज्ञानवापी मामले पर अपना बयान दिया है. उन्होंने सपा नेता का समर्थन करते हुए कहा है कि बुद्ध की मूर्ति दुनिया की सबसे पुरानी प्रतिमा है. पल्लवी पटेल आगे कहती हैं, अगर बौद्ध मठ और मंदिर की बात हो तो मंदिर बहुत पीछे रह जाएंगे. दुनिया की सबसे पुरानी मूर्ती बुद्ध की प्रतिमा है. आगे उन्होंने सीएम योगी के बवाली बयान पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा, जब तक कोर्ट में मामला विचाराधीन है इस तरह की बयानबाजी का कोई मतलब नहीं.

 

क्या बोले स्वामी प्रसाद?

गौरतलब है कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मौर्य ने भारत के कई हिंदू तीर्थस्थल को लेकर दावा किया था कि बद्रीनाथ 8वीं शताब्दी तक एक बौद्ध मठ था. उन्होंने आगे कहा था कि अधिकारियों को ज्ञानवापी की तरह यहां पर भी सर्वेक्षण करना चाहिए. उन्होंने कहा था, “अगर सर्वे करना ही है तो इस बात का भी सर्वेक्षण होना चाहिए कि मंदिर से पहले वहां क्या था. हिंदू धर्म के सभी स्थान पहले बौद्ध मठ थे. बौद्ध मठों को तोड़कर मंदिर बनाए गए थे.”

 

जानिए सीएम ने क्या कहा था

बता दें कि एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में सीएम योगी ने ज्ञानवापी पर अपना रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी की दीवारें चिल्ला-चिल्ला कर साक्ष्य की गवाही दे रही है। ज्ञानवापी में त्रिशूल और देव प्रतिमाओं का होना सच बता रही है। अगर हम इसे मस्जिद कहते है तो फिर विवाद होगा।

 

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