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जम्मू कश्मीर: इंटरसेप्ट चैट से खुलासा- 3 SPO की हत्या में पाकिस्तान का हाथ, ISI के इशारे पर दिया घटना को अंजाम

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की नापाक साजिश का खुलासा किया है. जम्मू-कश्मीर के शोपियां में तीन स्पेशल पुलिस अधिकारियों (SPO) के अपहरण और हत्या के पीछे वहां की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों को कमांड दे रही ISI के मैसेज को इंटरसेप्ट किया है.

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Pakistan ISI instructed terrorists to kill SPO in Jammu Kashmir
  • September 23, 2018 11:05 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के शोपियां में तीन स्पेशल पुलिस अधिकारियों (SPO) के अपहरण और हत्या के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का हाथ था. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि उन्होंने ISI के कुछ मैसेज इंटरसेप्ट किए हैं, इनमें आईएसआई अधिकारी कश्मीर में छिपे आतंकियों को पुलिस वालों को इस्तीफे के लिए डराने-धमकाने के लिए कह रहे हैं. ISI अधिकारी आतंकियों को निर्देश देते सुनाई दे रहे हैं कि अगर पुलिसकर्मी नहीं मानते हैं तो उन्हें अगवा कर उनकी हत्या कर दें.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आईएसआई के मैसेज को इंटरसेप्ट करने के बाद (एक तरह से सबूत मिलने के बाद) ही भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ होने वाली वार्ता को रद्द कर दिया था. सुरक्षा एजेंसी ने पाकिस्तान से भेजे गए जिन संदेशों को इंटरसेप्ट किया है, उसमें ISI अधिकारी घाटी में छिपे हुए आतंकियों को अगवा किए गए स्पेशल पुलिस अफसरों की हत्या का निर्देश देते हुए सुनाई दे रहे हैं.

पड़ोसी मुल्क से भेजे जा रहे यह मैसेज इतने साफ हैं कि ISI अधिकारी इसमें मारे जाने वाले एसपीओ के नाम लेते हुए भी सुनाई दे रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ISI अधिकारियों ने आतंकियों को तीन एसपीओ को जान से मारने और एक सिविलियन को छोड़ने का निर्देश दिया था. यह मैसेज इतनी जल्दी में भेजे गए कि सुरक्षा बलों को आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने का मौका भी नहीं मिला. सेना को एसपीओ कुलवंत सिंह, निसार अहमद और फिरदौस अहमद के शव मिले थे. आतंकियों ने एसपीओ के भाई फयाज अहमद भट को छोड़ दिया था.

बता दें कि आतंकियों की घेराबंदी के लिए चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में सेना के 700 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था. इस दौरान सेना की स्थानीय युवाओं से झड़प की खबरें मिली थीं. यह भी कहा जा रहा है कि एसपीओ की हत्याओं के पीछे का मकसद जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे स्थानीय चुनावों को प्रभावित करना है. वारदात में पाकिस्तान का हाथ होने का सबूत मिलते ही मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ होने वाली वार्ता को रद्द कर दिया था. बताया जा रहा है कि मोदी सरकार पाकिस्तान की नवनिर्वाचित इमरान खान सरकार से बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार थी.

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