असम। असम सरकार ने बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है, और इसके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि असम सरकार राज्य में बाल विवाह के खतरे को समाप्त करने के अपने संकल्प पर दृढ़ है। बाल विवाह को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस ने 4000 से ऊपर मामले दर्ज किए हैं।
क्या बोले मुख्यमंत्री ?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने बताया कि, अब तक असम पुलिस ने राज्य भर में बाल विवाह से संबंधित 4004 मामले दर्ज किए हैं, आने वाले दिनों में पुलिस द्वारा और कार्रवाई करने की संभावना है। अभी तक आए सभी मामलों पर सुनवाई 3 फरवरी से शुरू कर दिया जाएगा, इस दौरान सभी लोगों से सहयोग करने की अपील करता हूं।
बता दें, असम में बीजेपी की सरकार ने 14 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने का फैसला पिछली कैबिनेट बैठक में लिया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने फैसले की जानकारी को खुद देते हुए कहा था कि, जो युवक 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करेगा, हम उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करेंगे। हमारी सरकार ने बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर राजव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।
असम में शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह को रोकने के लिए कैबिनेट ने सभी 2197 ग्राम पंचायत सचिवों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह रोकथाम अधिकारी के रूप में नामित करने का फैसला लिया था। ये अधिकारी पॉक्सो एक्ट के तहत उन मामलों में प्राथमिक दर्ज कराएंगे, जहां दुल्हन की उम्र 14 साल से कम है।