देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे से जुड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन छठे दिन रुक गया. ड्रिलिंग से जुड़ा काम को 2 बजकर 45 मिनट पर रोकना पड़ा था. एनएचआईडीसीएल की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि खुदाई के दौरान अधिकारियों और सुरंग के अंदर काम कर रही टीम को बड़े पैमाने पर […]
देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे से जुड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन छठे दिन रुक गया. ड्रिलिंग से जुड़ा काम को 2 बजकर 45 मिनट पर रोकना पड़ा था. एनएचआईडीसीएल की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि खुदाई के दौरान अधिकारियों और सुरंग के अंदर काम कर रही टीम को बड़े पैमाने पर क्रैकिंग की आवाज सुनाई दी थी. इसी चलते सुरंग में काम कर रही टीम में दहशत की स्थिति पैदा हो गई थी।
एनएचआईडीसीएल की तरफ से कहा गया कि इस बात की प्रबल आशंका है कि आगे इसका और हिस्सा ढह सकता है. इस स्थिति में पाइप धकेलने की गतिविधि फिलहाल रोक दी गई है. वैसे इस स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों और एक्सपर्ट्स की एक बैठक बुलाई गई. एनएचआइडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि डीजल से चलने वाली ड्रिलिंग मशीन की गति धीमी है. इसको बीच-बीच में रोकना भी पड़ता है क्योंकि भारी मशीन में कंपन होने की वजह से मलबा गिरने का खतरा हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि दूसरी ऑगर मशीन की बेयटिंग खराब हो गई और इसी वजह से पाइप पुश नहीं कर पा रही है. अब तक 22 मीटर ही टनल में खुदाई की गई है और ड्रिलिंग के बाद सुरंग में पांच पाइप डाले जा चुके हैं. इंदौर से अब तीसरी मशीन मंगाई जा रही है।
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